कोलकाता : साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था नीलांबर कोलकाता ने हाल ही में कलाकुंज सभागार में एक साँझ कविता की-5 कार्यक्रम का आयोजन किया। पिछले कुछ वर्षों के दौरान नीलांबर ने अपने आयोजनों से पूरे देश के साहित्य प्रेमियों का ध्यान खींचा है। संस्था ने आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर साहित्य को आम लोगों के बीच पहुँचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।
हिंदी के वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कृष्ण कल्पित, मृत्युंजय कुमार सिंह, सुधांशु फिरदौस और उज़्मा सरवत ने कार्यक्रम में कविताएं पढ़ी। इस अवसर पर अरुण कमल ने अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए साहित्य के क्षेत्र में नीलांबर के कार्यों की प्रशंसा की। कविता पाठ के अलावा उनकी कविताओं पर विभिन्न तरह की प्रस्तुतियां की गई जिनमें कविता गीत, कविता नृत्य, कविता मोंताज और कविता कोलाज शामिल हैं। सर्वप्रथम मशहूर नृत्यांगना मौसूमी दे ने शानदार काव्य नृत्य प्रस्तुत किया। नीलांबर की टीम ने उज्मा सरवत और सुधांशु फिरदौस की कविताओं पर आधारित कोलाज की प्रस्तुति की। युवा गायिका सुनोभा साहा ने मृत्यंजय कुमार सिंह के गीत पथिक हूँ थक गया हूँ की प्रस्तुति की। ऋतेश पांडेय के निर्देशन में कृष्ण कल्पित की कविताओं पर वीडियो मोंताज फिल्म का प्रदर्शन किया गया। नीलांबर की टीम ने अरुण कमल की कविताओं को जन-गीत के रूप में प्रस्तुत किया।विभिन्न प्रस्तुतियों में हिस्सा लेने वाले कलाकारों में शामिल थे ऋतेश पांडेय, कल्पना झा, स्मिता गोयल, ममता पांडेय, प्रतिमा सिंह, दीपक ठाकुर, विशाल पांडेय, निधि पांडेय।
इस मौके पर अतिथि के रूप में मौजूद थे वरिष्ठ आलोचक और वागर्थ पत्रिका के संपादक डॉ. शंभुनाथ, डॉ चंद्रकला पांडेय,अलका सरावगी, उमा झुनझुनवाला, डॉ आशुतोष और प्रियंकर पालीवाल। नीलांबर के अध्यक्ष यतीश कुमार ने स्वागत वक्तव्य दिया। उन्होंने नीलांबर संस्था और उसके आनेवाले कार्यक्रमों और योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि नीलांबर साहित्य के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता और विस्तार बनाए रखेगी और हम नए सकारात्मक प्रयोग करते रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. इतु सिंह ने किया। ममता पांडेय ने संस्था की विभिन्न समितियों का परिचय कराते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी और शिक्षक उपस्थित हुए।