अगर आप अपना काम शुरू कर रही है और आर्थिक समस्या एक बड़ी बाधा है तो यह योजनाएँ आपकी मदद कर सकती हैं। सरकार और सरकारी बैंकोें द्वारा संचालित ये योजनाएँ आपकी राह आसान बनाएँगी। एक नजर इन योजनाओं पर –
मुद्रा योजना – भारत सरकार की इस योजना के तहत महिलाएं ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग यूनिट, ट्यूशन सेंटर जैसे व्यवसाय कर सकती हैं। लोन के पहले आवेदक का सत्यापन किया जाता है। इसके बाद महिला आवेदकों को मुद्रा कार्ड मिलता है। इसके जरिए वे व्यवसाय की जरूरत का सामान खरीद सकती हैं। इस योजना को शिशु, किशोर और तरुण ऐसी तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
अन्नपूर्णा योजना – यह स्कीम उन महिलाओं के लिए है जो स्मॉल स्केल पर फूड कैटरिंग बिजनेस करना चाहती हैं। इनमें टिफिन सर्विस, पैक्ड स्नैक्स जैसे काम किए जाते हैं। इसमें अधिकतम 50 हजार रुपए तक का कर्ज मिलता है, जिसे 36 महीनों में रिटर्न करना होता है। इस लोन में एक महीने का EMI फ्री पीरियड भी मिलता है। इंटरेस्ट मार्केट रेट के मुताबिक ही वसूल किया जाता है। यह योजना स्टेट बैंक ऑफ मैसूर कीहै।
उद्योगिनी योजना – यह कर्ज लघु, खुदरा व कृषि क्षेत्र में दिया जाता है। इस कर्ज को वही महिलाएं ले सकती हैं जिनकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है। इसमें अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए की है। यह योजना पंजाब और सिंध बैंक में है।
स्त्री शक्ति पैकेज – ऐसी कंपनियां जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर महिला के नाम पर हैं, वे इस योजना का फायदा उठा सकती हैं। इसमें लोन अमाउंट 2 लाख रुपये से ज्यादा का होता है तो ब्याज दर 0.5 प्रतिशत लगती है। 5 लाख रुपए तक के कर्ज पर कोई सिक्युरिटी भी जमा नहीं करना होती। यह एसबीआई की योजना है।
देना शक्ति योजना – देना बैंक की इस स्कीम में कृषि, छोटे उद्योग, खुदरा व्यवसाय, माइक्रो क्रेडिट, एजुकेशनल और हाउसिंग को ध्यान में रखा गया है। अधिकतम सीमा और ब्याज दर अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से बाँटा किया गया है। जैसे शिक्षा और खुदरा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जा रहा है। ब्याज दर 0.25 प्रतिशत है।
महिला उद्यम निधि योजना – यह योजना उन महिलाओं के लिए है, जो छोटे स्तर पर अपना उद्योग संचालित करती हैं। छोटे स्तर पर काम कर रही हैं महिलाएं अपने व्यवसाय को उन्नत अथवा आधुनिक बनाने इस योजना का फायदा उठा सकती हैं। पंजाब नेशनल बैंक यह योजना चला रहा है।
सेंट कल्याणी योजना – सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की इस स्कीम में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री में माइक्रो और लघु उद्योग से जुड़ी महिलाओं को टारगेट किया गया है। इसमें हस्तशिल्प, सिलाई, डॉक्टर्स, ब्यूटी पार्लर्स, गारमेंट मेकिंग, ट्रांसपोर्ट बिजनेस आदि शामिल हैं। यह स्कीम रिटेल ट्रेड, एजुकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए नहीं है।
(साभार – दैनिक भास्कर)