अगर आप किताबें पढ़ने के शौकीन हैं तो आपके लिए यह रोमांचक खबर हो सकती है। एक शख्स ने लगभग 100 साल पुराने पेड़ पर ही लाइब्रेरी बना डाली है। कई पुस्तक प्रेमियों किंडल या स्मार्टफोन पर मिलने वाली किताबों को पढ़ना पसंद करते हैं।लिहाजा, लिटिल फ्री लाइब्रेरी संस्था ने एक क्रिएटिव लाइब्रेरी को पेश की है। करीब 100 साल पुराने पेड़ पर संस्था ने जो लाइब्रेरी बनाई है, उसे देखकर आपका भी मन लाइब्रेरी में जाकर किताब पढ़ने का होने लगेअमेरिका के इडाहो राज्य में एक आर्टिस्ट ने घर के बाहर सूखे पेड़ में छोटी लाइब्रेरी बनाई है। इसमें बच्चों की 70 से ज्यादा किताबें रखी हैं। आर्टिस्ट शारले एमिटेज हॉवर्ड ने बताया कि लाइब्रेरी को बनाने में 73 डॉलर (करीब 5,133 रुपए) खर्च हुए हैं।गा।लिटिल फ्री लाइब्रेरी एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो दुनिया भर में पुस्तकालयों के निर्माण और उनके कायाकल्प का काम करता है। शारले एमिटेज हॉवर्ड ने लिटिल ट्री लाइब्रेरी को अपने घर के पीछे लगे लगभग 100 साल पुराने पेड़ पर रचनात्मक तरीके से बनाया है। एक लाइब्रेरियन के रूप में वह एक आरामदायक, सुंदर पढ़ने के माहौल के महत्व को समझती हैं।शारले एमिटेज ने फेसबुक पर लिखा कि हमें एक विशाल पेड़ को हटाना था, जो 110 साल पुराना था और सड़ रहा था। इसलिए मैंने इसे एक लाइब्रेरी में बदलने का फैसला किया। मैं हमेशा से यह करना चाहती थी। मैंने पूरे पेड़ के हटाने की बजाय उसे कुछ बेहतर बनाने में बदल दिया। लोगों को यह क्रिएटिविटी काफी पसंद आ रही है।शारले ने पेड़ के निचले हिस्से को काटकर अलमारी का रूप दिया है। उसके अंदर छोटी-छोटी एलईडी लाइटें और बाहर एक बल्ब लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 75 हजार फ्री छोटी लाइब्रेरी रजिस्टर्ड हैं, उनमें से ये सबसे अलग है।उन्होंने पेड़ के तने पर एक छत बनाई और अंदर नक्काशी करके उसमें एक दरवाजा लगाया। इसके साथ ही लाइट की व्यवस्था कर शारले ने इसे बेहतरीन लाइब्रेरी में बदल दिया। इस लाइब्रेरी से मुफ्त में किताब लेकर पढ़ी जा सकती हैं। दुर्भाग्य से पेड़ इतना बड़ा नहीं है कि उसके अंदर बैठकर पढ़ने की व्यवस्था हो, लेकिन फिर भी उसे देखकर आपको अच्छा लगेगा।स लाइब्रेरी में वयस्कों की फिक्शन, बच्चों की किताबें सहित कई अन्य किताबें उपलब्ध हैं। बताते चलें कि लिटिल फ्री लाइब्रेरी परियोजना लोगों को दुनिया भर में इसी तरह की लघु पुस्तकालय बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। 88 देशों में 75,000 से अधिक पुस्तकालय अब तक बनाए जा चुके हैं। इस लाइब्रेरी में कोई भी कोई भी व्यक्ति किताबें दान कर सकता है।