नयी दिल्ली : सफर के दौरान ट्रेन में महिलाओं से छेड़खानी और उन्हें परेशान करने वाले मनचलों की अब खैर नहीं होगी। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने रेलवे अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। प्रस्तावित कानून के तहत अगर कोई छेड़छाड़ करता पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल की सजा हो सकती है। रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो महिलाओं की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले को 3 साल तक की सजा मिल सकेगी। फिलहाल भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) के तहत इस तरह के मामलों में अधिकतम एक साल की सजा का प्रावधान है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि 2014 से 2016 के बीच रेल सफर के दौरान महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में 35 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में जहां 448 मामले सामने आए थे। वहीं, 2015 में 553 और 2016 में 606 मामले सामने आए।
आरपीएफ की ओर से महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों पर लगने वाले जुर्माने को भी 500 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये करने का प्रस्ताव दिया है। एक अन्य प्रस्ताव में ई-टिकटिंग में जालसाजी करने वालों पर भी दो लाख का जुर्माना लगाने और तीन साल की सजा की बात कही गई है।