जर्काता : मुक्केबाज अमित पांघल और ब्रिज में पुरूष युगल जोड़ी के स्वर्ण पदकों के दम पर भारत ने एशियाई खेलों में अब के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ अपने अभियान का शानदार अंत किया। कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर फाइनल में ना पहुंच पाने की अपनी टीस को कम किया, जबकि महिला स्क्वॉश टीम को फाइनल में हारने के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत ने इन खेलों में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक सहित कुल 69 पदक जीते। एशियन गेम्स के इतिहास में यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 में ग्वांग्झू एशियाई खेलों में था, जब उसने 14 स्वर्ण सहित 65 पदक जीते थे। भारत ने स्वर्ण पदक के लिहाज से 1951 में दिल्ली में हुए एशियाई खेलों की बराबरी की। तब भी भारत ने 15 स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।
भारत ने प्रतियोगिता के आखिरी दिन भी अपना स्वर्णिम अभियान जारी रखा। पहले अमित (49 किग्रा) ने मौजूदा ओलंपिक रजत पदक विजेता और एशियाई चैंपियन हसनब्वॉय दुस्तामातोव को हराकर सोने का तमगा हासिल किया। जबकि इसके बाद पहली बार इन खेलों में शामिल किये गये ब्रिज के पुरूष युगल स्पर्धा में प्रणब बर्धन और शिबनाथ सरकार ने स्वर्ण पदक जीता। सेना के 22 वर्षीय अमित एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले कुल आठवें भारतीय मुक्केबाज बने। 18वें एशियन गेम्स के फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज थे। उन्होंने प्रबल दावेदार दुस्तामातोव को 3-2 से हराया। उन्होंने इस तरह से पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में उज्बेकिस्तान के इस मुक्केबाज से मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया।