एमएफआईएन माइक्रोमीटर रिपोर्ट में खुलासा
माइक्रोफाइनांस उद्योग रु. 9. 79 करोड़ ऋण खाते हैं अनुमानित रु. 5.46 करोड़ उधारकर्ताओ की मदद करता हैं
नयी दिल्ली : माइक्रोफाइनांस क्षेत्र के क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गयी है और लोग समय पर ऋण राशि का भुगतान भी कर रहे हैं। माइक्रोफाइनांस इन्स्टीट्यूशन नेटवर्क (एमएफआईएन) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। एफएफआईएन ने जुलाई-सितंबर 2019 के लिए अपने माइक्रोमीटर की रिपोर्ट का 31वाँ अंक जारी किया हैं। यह आरबीआई प्रमाणित एक स्व-नियामक संगठन होने के साथ भारत का माइक्रोफाइनांस उद्योग संघ भी है।
एमएफआईएन माइक्रोमीटर द्वारा 30 सितंबर, 2019 को जारी किये गये आँकड़ों की मानें तो, माइक्रोफाइनांस की पहुँच स्वस्थ गति से राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही हैं, और देश भर में समय पर अपना बकाया भुगतान करनेवाले छोटे कर्जदारों की संख्या भी बढ़ती दिखाई दे रही हैं। यह इस तथ्य का समर्थन करता हैं कि माइक्रोफाइनांस ऋण को छोटे उधारकर्ता अनियंत्रित रूपों से मिलने वाले माइक्रोफाइनांस ऋण की तुलना में अधिक बड़ी आर्थिक सुविधा, विनियमित और संगठित रूप की वित्तीय सहायता के रूप में देख रहे हैं।
मार्च 2017 से शुरू होने वाले पिछले 2.5 वर्षों में, जिसने विमुद्रीकरण अवधि के अंत को भी चिह्नित किया हैं, अनुमानित 1.83 करोड़ उधारकर्ताओं को जोड़ा गया हैं, जो प्रति वर्ष औसतन 0.73 करोड़ (16.87% का सीएजीआर) हैं । 30 सितंबर, 2019 के आकड़ो के अनुसार, माइक्रोफाइनांस उद्योग 9.79 करोड़ ऋण खातों के माध्यम से 5.46 करोड़ उधारकर्ताओं की सेवा कर रहा हैं ।
एमएफआईएन के सीईओ हर्ष श्रीवास्तव ने कहा, “यह खुशी की बात हैं कि पिछले तीस महीनों में 18.3 मिलियन अतिरिक्त महिलाओं ने माइक्रोफाइनांस ऋण लिया हैं। यह वृद्धि इस बात का संकेत है की छोटे उधारकर्ताओं ने आरबीआई विनियमित सभी माइक्रोफाइनांस संस्थानों में फिर एक बार विश्वास दिखाया हैं। माइक्रोफाइनांस में पुनर्भुगतान के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड को देख यह बात और भी स्पष्ट होती हैं ।
30 सितंबर, 2019 के लिए माइक्रोमीटर की रिपोर्ट का मुख्य आकर्षण हैं Q2 वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्त वर्ष 2019- 20 में माइक्रोफाइनांस उद्योग में कुल 47.85% की वृद्धि हुई, जो की कुल लोन पोर्टफोलियो (जीएलपी) के साथ 30 सितंबर 2019 तक रु. 2,01,724 करोड़ हैं । माइक्रोमीटर के अनुसार, माइक्रोफाइनांस ऋण खातों की कुल संख्या वित्त वर्ष 2019-20 में (30 सितंबर 2019 को) 9.79 करोड़ थी, जबकि वर्ष 2018-19 में 7.43 करोड़ थी।
बैंक माइक्रो-क्रेडिट में कुल ऋण के साथ पोर्टफोलियो रु. 80,570 करोड़ का सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं, जो की कुल माइक्रो-क्रेडिट का 40% हैं । गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी-माइक्रो फाइनांस इंस्टीट्यूशंस (एनबीएफसी-एमएफआई) रु. 62,960 करोड़ की बकाया राशि के साथ माइक्रो-क्रेडिट का दूसरा सबसे बड़ा प्रदाता है, जो कुल उद्योग पोर्टफोलियो का 31% लेखांकन हिस्सा हैं । माइक्रोफाइनांस की दुनिया में में लघु वित्त बैंक (एसएफबी) के पास कुल ऋण राशि रु 34,829 करोड़ हैं, जो की 17% हिस्सा हैं, एनबीएफसी कुल ऋण रु. 21,381 के साथ 11% और अन्य एमएफआई 1% की हिस्सेदारी रखते हैं। पोर्टफोलियो के क्षेत्रीय वितरण (जीएलपी) में, पूर्व और उत्तर पूर्व की 40% , दक्षिण की 28%, उत्तर की 10%, पश्चिम की 14% की हिस्सेदारी है और केंद्र का 7% का योगदान है। शीर्ष 10 राज्य (वर्ल्ड डेटा पर आधारित) जीएलपी के संदर्भ में 82.7% हैं। तमिलनाडु, सबसे बड़ा राज्य हैं और बाद में पश्चिम बंगाल और बिहार आते हैं ।
एमएफआईएन के 56 एनबीएफसी-एमएफआई सदस्यों के संबंध देखा जाए तो , इन सदस्यों का कुल ऋण पोर्टफोलियो (जीएलपी) 30 सितंबर 2019 तक रु. 63,869 करोड़ रुपये था । यह 30 सितंबर 2018 की तुलना में 46% की YoY वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है जो की 30 जून 2019 की तुलना में 13% हैं । 0.68 करोड़ खातों के माध्यम से वित्त वर्ष 2019 -20 में रु. 18,694 करोड़ ऋण राशि वितरित की गयी थी । पिछले वर्ष की तुलना में 30 सितंबर 2019 तक कुल ऋण खाते 34% की वृद्धि के साथ रु 3.50 करोड़ थे।
एनबीएफसी एमएफआई के माइक्रोफाइनांस पोर्टफोलियो की गुणवत्ता बेहतर होने के कारण 30 सितंबर 2019 को 1.12% की तुलना में 1.09% के रूप में मामूली सुधार किया है। इसका मतलब यह हैं देश भर में बढ़ती मात्रा में माइक्रोफाइनांस ऋणों को समय पर चुकाया जा रहा हैं। समग्र ऋण पोर्टफोलियो का केवल 0.42% 90 दिनों तक बकाया रहता हैं, यानी जहां 90 दिनों के लिए कोई भुगतान नहीं किया गया हैं ।
30 सितंबर, 2019 को 85 एनबीएफसी-एमएफआई की बैलेंस शीट पोर्टफोलियो रु. 62,960 करोड़ पर थी जो 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 601 जिलों में फैली हुई हैं, पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 17% से बढ़ा। इन 54 एनबीएफसी-एमएफआई सदस्यों में एमएफआईएन के सदस्यों को कुल Q2 FY 19-20 के दौरान रु.9,443 करोड़, Q2 FY 18-19 में 55% की वृद्धि। 30 सितंबर 2019 तक, एनबीएफसी-एमएफआई के पास कुल संपत्ति रु. 61,855 करोड़ हैं ।
पिछले 12 महीनों के दौरान, 3 एनबीएफसी-एमएफआई छोटे से मध्यम श्रेणी में गए और 5 मध्यम से बड़ी श्रेणी में गये हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 9 नए सदस्य एमएफएफसी के सदस्य के रूप में एनबीएफसी -एमएफआई क्लस्टर का हिस्सा बन गए हैं।