कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार रहे डॉ. राजकुमार के बारे में जिन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो शायद ही कोई तोड़ पाए। राजकुमार की कर्नाटक में एक हजार से भी ज्यादा प्रतिमाएं लगी हैं। कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन ने 2000 में राजकुमार का अपहरण भी कर लिया था।
दक्षिण सिनेमा के इतिहास में एक ऐसा हीरा रहा, जिसने दुनिया भर में खूब चमक बिखेरी और दशकों तक लोगों के दिलों पर राज किया। यह थे कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार डॉ़. राजकुमार। डॉ. राजकुमार इकलौते अभिनेता थे, जिनकी फिल्मों का 50 से ज्यादा बार 9 भाषाओं में रीमेक बनाया गया। अमिताभ बच्चन भी डॉ. राजकुमार राव के पैर छूते थे। वहीं अनिल कपूर इन्हें ‘ का शहंशाह’ कहते थे। डॉ. राजकुमार ने अपने 58 साल के करियर में ऐसे रिकॉर्ड्स बनाए, जो हैरान कर देंगे।
डॉ. राजकुमार ने कन्नड़ सिनेमा को एक अलग पहचान दी। उनकी गिनती भारतीय सिनेमा के सबसे महान एक्टरों में की जाती है। डॉ. राजकुमार, दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार के पिता थे। पुनीत राजकुमार को हाल ही कर्नाटक रत्न सम्मान दिया गया।
डॉ. राजकुमार अभिनेता बनने से पहले एक नाटककार थे। वह गुब्बी वीराना की ड्रामा कंपनी के साथ काम करते थे। यहीं से उनके मन में एक्टिंग का कीड़ा जगा। साल 1942 में डॉ. राजकुमार ने ‘भक्त प्रह्लाद’ नाम की फिल्म में काम किया। उस समय वह बेहद छोटे थे। आठ साल की उम्र में वह फिल्म बेदारा कन्नपा में नजर आए। करीब 58 साल लंबे कॅरियर में डॉ. राजकुमार ने 208 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और ढेरों गाने गाए। आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ. राजकुमार की 13 फिल्मों ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार जीते ।
गायक भी रहे राजकुमार, गाए 300 से ज्यादा गाने
डॉ. राजकुमार ने शास्त्रीय संगीत सीखा । उनकी शुरुआती फिल्मों में जहां अन्य गायकों ने आवाज दी । वहीं 1974 से डॉ. राजकुमार अपनी फिल्मों के लिए खुद ही गाने लगे। राजकुमार ने अन्य अभिनेताओं के लिए भी गाने गाए। उन्होंने 75 म्यूजिकल नाइट्स में परफॉर्म किया और 300 से ज्यादा गाने गाए। राजकुमार के गायन की खास बात यह रही कि वह किसी भी शैली में गा लेते। फिर चाहे कव्वाली हो, गजल हो, भजन हो या फिर इंग्लिश गाने।
राजकुमार के नाम हैरान कर देंगे ये रिकॉर्ड
डॉ. राजकुमार के नाम ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड हैं, जो किसी को भी हैरान कर दें। वह इकलौते अभिनेता हैं जिन्हें अमेरिका में केंटकी के राज्यपाल द्वारा केंटकी कर्नल सम्मान दिया गया। वह एकमात्र नायक हैं, जिन्हें गायन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। यही नहीं, राजकुमार पहले एक्टर हैं, जिन्होंने 200 कन्नड़ फिल्मों में नायक की भूमिका निभाई । डॉ. राजकुमार ने मात्र 8 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी। बचपन से ही उनका झुकाव फिल्मों और अभिनय की तरफ होने लगा था। यह लाजमी भी था क्योंकि उनके माता-पिता अपने जमाने के जाने-माने थिएटर आर्टिस्ट रहे। राजकुमार ने नन्ही सी उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू किया और 25 साल की उम्र तक फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करते रहे।
बाद में राजकुमार फिल्मों में लीड रोल करने लगे। बतौर हीरो उन्होंने कई हिट फिल्में दीं। उन्होंने फिल्मी पर्दे पर ऐतिहासिक से लेकर पौराणिक और रोमांटिक तक, हर तरह के किरदार निभाए और अपनी अलग छाप छोड़ी। राजकुमार ने अपने करियर में कर्नाटक के मैसूर वंश से लेकर चालुक्य वंश तक को फिल्मी पर्दे पर उतारा लेकिन 2006 में राजकुमार की मौत हो गई। अपने 58 साल के लंबे कॅरियर में राजकुमार ने ढेरों अवॉर्ड और सम्मान जीते। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक में उनकी 1100 प्रतिमाएं बनाई गई हैं।
जब वीरप्पन ने किया राजकुमार का अपहरण
उस घटना को भी कोई नहीं भूल सकता जब 2000 में कुख्यात चंदन तस्कर ने राजकुमार को उनके फार्महाउस से अपहरण कर लिया था। इसे पूरे देश में हड़कंप मच गया था। लोग राजकुमार के लिए सड़कों पर उतर आए थे। वीरप्पन ने 108 दिन बाद राजकुमार को अपनी कैद से आजाद किया था।