देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में सभी अपना योगदान दे रहे हैं। ऐसे में कई लोग खुद से पहले ड्यूटी को आगे रख देश सेवा की मिसाल कायम कर रहे हैं। हाल ही में ऐसा ही एक उदाहरण आंध्र प्रदेश में देखने को मिला। यहां आईएएस अधिकारी और ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम की आयुक्त सृजना गुम्माला मां बनने के 22 दिन बाद ही वापस अपने काम पर लौट आईं।
पिछले महीने ही बनीं माँ
दरअसल सृजना ने पिछले महीने ही एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्होंने 6 महीने की अपनी मेटरनिटी लीव खत्म कर काम करने का फैसला लिया। इतना ही नहीं काम के समय वह अपने 1 महीने के बच्चे को भी साथ लाती है और काम के साथ ही बच्चे की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं। साल 2013 बैच की आईएएस सृजना ने परिवार से पहले अपने कर्तव्य को आगे रखा और कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में शामिल हो गई।
बेटे को भी लाती हैं दफ्तर
बेटे को जन्म देने के तुरंत बाद ही कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन की घोषणा हो गई, जिसके बाद उन्होंने अपना मातृत्व अवकाश खत्म कर ड्यूटी जॉइन कर ली। अपने फैसले पर सृजना बताती है कि वह छुट्टी पर थी, लेकिन उनका मन नहीं लग रहा था। एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर वह घर नहीं रुक सकती थी। ऐसे में अपने मातृत्व के साथ ही फर्ज की अहमियत को समझते हुए छुट्टियां निरस्त कर दी और काम पर लग गई। परंतु 22 दिन के बच्चे को घर नहीं छोड़ सकती थी, इसलिए सावधानियों को ध्यान में रखते हुए बच्चे को भी साथ ऑफिस ले आई।
पति और माँ का मिल रहा सहयोग
दफ्तर में अपनी जिम्मेदारी निभा रही सृजना बच्चे का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। काम के साथ ही वह बीच-बीच में बच्चे को फीड कराती है। भले ही एक अधिकारी के तौर पर वह सख्त हैं, लेकिन एक मां के रूप में संवेदनशील भी हैं। उनका कहना है कि इमरजेंसी के समय में लोगों को साफ पानी मुहैया कराना और साफ सफाई सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। उनका कहना हैं कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री दिन रात मेहनत कर रहे हैं तो राज्य के लिए वह थोड़ा सा योगदान क्यों नहीं दे सकती हैं। खास बात यह है कि उनके फर्ज को निभाने में उन्हें उनके वकील पति और मां का काफी सहयोग मिल रहा है।