मनीला : भारत के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को इस साल के रमन मैगसायसाय पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार को नोबेल पुरस्कार का एशियाई संस्करण माना जाता है।
रमन मैगसायसाय पुरस्कार फाउंडेशन ने इसकी घोषणा की। फाउंडेशन ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए 44 वर्षीय कुमार को भारत के सबसे प्रभावशाली टीवी पत्रकारों में से एक बताया । वह एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक हैं। उनका नाम उन पांच व्यक्तियों में शुमार है जिन्हें इस पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है।
बिहार के जितवारपुर गांव में जन्मे कुमार 1996 में न्यू दिल्ली टेलीविजन नेटवर्क (एनडीटीवी) से जुड़े थे और उन्होंने करियर की शुरुआत रिपोर्टर के तौर पर की थी। एनडीटीवी के 24 घंटे वाले हिंदी भाषी समाचार चैनल – ‘एनडीटीवी इंडिया’ शुरू होने के बाद उन्हें उनका रोजाना का शो ‘प्राइम टाइम’ दिया गया। फाउंडेशन ने कहा कि कुमार का कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम “आम लोगों की वास्तविक, अनकही समस्याओं को उठाता है।’ उसने साथ ही कहा, “अगर आप लोगों की आवाज बन गए हैं, तो आप पत्रकार हैं।” कुमार को गंभीर, प्रभावशाली एवं मुद्दों पर अच्छी पकड़ रखने वाले प्रस्तोता (एंकर) के रूप में जाना जाता है। हालांकि फाउंडेशन ने कहा कि वह जिस तरह की पत्रकारिता करते हैं, वही उनकी विशेषता है। इसमें कहा गया, “मीडिया का ऐसा वातावरण जिसमें सरकार का हस्तक्षेप है, जो कट्टर राष्ट्रवाद के हिमायतियों के कारण विषाक्त है, जिसमें ट्रोल एवं ‘फर्जी खबर’ फैलाने वाले लोग हैं और जहां बाजार की रेटिंग की प्रतियोगिता के चलते ‘मीडिया हस्तियों’ को कीमत चुकानी पड़ रही है, जहां खबरों को सनसनीखेज बनाया जा रहा है, ऐसी स्थिति में, रवीश इस बात पर जोर देने में मुखर रहे हैं कि गंभीर, संतुलित और तथ्य आधारित रिपोर्टिंग के पेशेवर मूल्यों को जिंदा रखना होगा।”
इस साल के रमन मैगसायसाय पुरस्कार के चार अन्य विजेताओं में म्यामां के को स्वे विन, थाइलैंड की अंगखाना नीलापाइजित, फिलीपीन के रैयमुंडो पुजंते कायाबायऐब और दक्षिण कोरिया के किम जोंग की शामिल हैं। पुरस्कार विजेताओं को 31 अगस्त, 2019 को आयोजित होने वाले आधिकारिक समारोह में मैगसायसाय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा 1957 में शुरू हुए इस पुरस्कार को एशिया का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।