बर्लिन । एक पुरातत्वविद ने उत्तरपूर्वी जर्मनी के एक राज्य ब्रेंडेनबर्ग में सेल्टिक सिक्कों के एक प्राचीन भंडार की खोज की है, जिसकी ‘कीमत बहुत अधिक रही होगी’। 41 सोने के सिक्कों को 2,000 से अधिक साल पहले ढाला गया था। यह ब्रेंडेनबर्ग में पहला ज्ञात सेल्टिक सोने का खजाना है। ब्रेंडेनबर्ग में संस्कृति मंत्री ने दिसंबर 2021 में इसकी घोषणा की थी। सिक्कों का आकार घुमावदार है जो इनके नाम ‘regenbogenschüsselchen’ से प्रभावित है, जिसका मतलब ‘इंद्रधनुष कप’ होता है। सिक्कों के ढेर का अध्ययन करने वाले और श्लॉस फ़्रीडेनस्टीन गोथा फ़ाउंडेशन के कॉइन कैबिनेट में मुद्राशास्त्री और रिसर्च अस्सिटेंट मार्जनको पाइलिक ने लाइव साइंस को बताया कि इसका नाम और आकार एक प्रसिद्ध कहानी की याद दिलाता है कि इंद्रधनुष के अंत में सोने का एक बर्तन होता है। माना जाता है कि इंद्रधनुष कप वहां पाए जाते हैं जहां एक इंद्रधनुष धरती को छूता है। उन्होंने बताया कि कहानियों का एक हिस्सा यह भी है कि इंद्रधनुष कप सीधे आसमान से गिरते हैं।
बारिश के बाद खेतों में मिलते थे सिक्के
उन्हें भाग्यशाली और इलाज के असर वाली चीजें माना जाता था। यह संभावना है कि किसानों को अक्सर बारिश के बाद अपने खेतों में प्राचीन सोने के सिक्के मिलते थे जो गंदगी और चमक से मुक्त होते थे। सिक्कों की खोज वोल्फगैंग हर्कट ने की है, जो ब्रेंडेनबर्ग स्टेट हेरिटेज मैनेजमेंट एंड आर्कियोलॉजिकल स्टेट म्यूजियम (बीएलडीएएम) के एक स्वयंसेवक पुरातत्वविद हैं। एक स्थानीय खेत की जांच के लिए मालिक से अनुमति मिलने के बाद उन्हें कुछ और चमकदार और सोने जैसा नजर आया।
जिंदगी में एक बार ही हो पाती है ऐसी खोज
पाइलिक ने कहा कि इसे देखकर उन्हें शराब की एक छोटी बोतल के ढक्कन की याद आ गई। हालांकि यह एक सेल्टिक सोने का सिक्का था। 10 सिक्कों को खोजने के बाद उन्होंने बीएलडीएएम को खोज की सूचना दी जिसके बाद पुरातत्वविदों ने कुल 41 सिक्कों का पता लगाया। हर्कट ने कहा कि यह एक असाधारण खोज है जिसे आप शायद जिंदगी में एक ही बार कर सकते हैं।
(साभार – नवभारत टाइम्स)