15 की उम्र में मजदूर का बेटा बना आईआईटी का छात्र

जोधपुर.राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा के पास एक छोटे से गांव के रहने वाले सुनील ने सिर्फ 15 साल 11 माह की उम्र में ही आईआईटी में एडमिशन ले लिया है। जब वह डेढ़ साल का था तभी स्कूल जाने लगा था और 13 साल में 10वीं व 15 की उम्र में 12वीं पास कर लिया था।  – सुनील का जन्म 20 जुलाई 2000 को हुआ था, वह आने वाले 20 जुलाई को 16 साल का होगा, लेकिन इससे पहले ही फर्स्ट अटेम्ट में आईआईटी कानपुर के लिए सिलेक्शन हो गया है।

सुनील दूसरा सबसे छोटा आईआईटीयन है। पहले स्थान पर दिल्ली का सहल कौशिक है, जो 2010 में मात्र 14 साल में आईआईटी पहुंचा था। सुनील के पिता प्रकाशचंद्र बताते हैं कि वे सुनील के जन्म से पहले से ही कमठा मजदूर का काम करते हैं। उन्होंने सुनील जब डेढ़ वर्ष का था तो आसपास के बच्चों को देखकर स्कूल जाने की जिद करने लगा। इस पर उसे स्कूल में एडमिशन दिलवा दिया। सुनील के पिता ने बताया कि वह हर बार क्लास में फर्स्ट आता था। इसके बाद मैंने सेविंग करनी शुरू कर दी, क्योंकि मुझे लग गया था कि एक दिन वह किसी बड़े कॉलेज में जाएगा। पैसे बचाकर सुनील के पिता ने सुनील को 11वीं में पढ़ने के लिए जोधपुर भेजा। दो साल वह जोधपुर में पढ़ा।

इसके बाद एक वर्ष कोटा में रहकर आईआईटी की तैयारी की और इस बार आईआईटी एडवांस में ओबीसी में 1039वीं व सामान्य वर्ग में 5804वीं रैंक हासिल की। उसे 3 जुलाई को काउंसलिंग के बाद कानपुर आईआईटी में प्रवेश मिल गया। वह सिविल में बीटेक करेगा, लेकिन उसका सपना आईएएस बनना है। सुनील ने दसवीं में 85.33 और 12वीं में 88.60 अंक हासिल किए। आईआईटी जेईई की तैयारी के लिए एक वर्ष कोटा रहा। पिता ने तीन वर्ष में उस पर 4 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए। सुनील की मां मांगीदेवी नरेगा में काम करती हैं।

 

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