नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बीच जनजीवन सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं। 21 सितंबर से जहां राज्यों को कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी गयी थी। तो, 15 अक्टूबर से सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि फिलहाल यह छूट केवल नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले इलाकों के लिए दी गयी है। स्कूल कब से खोले जाएं, वह तारीख राज्य सरकारें तय करेंगी। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसी के आधार पर राज्यों को अपनी गाइडलाइंस तय करनी होंगी। स्कूल खोलने का स्टैंटर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) पहले ही जारी किया जा चुका है। जिसमें कोविड से जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया था। आइए जानते हैं नये दिशा – निर्देशों में क्या है।
स्कूलों, कोचिंग संस्थानों के लिए क्या हैं दिशा – निर्देश?
राज्य सरकारें स्कूल/कोचिंग प्रबन्धन से बातचीत के बाद इन शर्तों को ध्यान में रखते हुए फैसला कर सकती हैं:
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।
अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।
विद्यार्थी केवल अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की एसओपी के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे।
जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की एसओपी का पालन करना होगा।
कॉलेज, उच्च शिक्षा संस्थान खोलने के नियम
कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थान कब खुलेंगे, इस पर फैसला उच्च शिक्षा विभाग करेगा। इसके लिए गृह मंत्रालय से भी बात की जाएगी।
शिक्षा मंत्रालय के दिशा – निर्देश इस प्रकार हैं:
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।
फिलहाल केवल शोधार्थी और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की निजी विश्वविद्यालय तथा संस्थान अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकते हैं।