12 साल की उम्र में शादी, 14 साल में हुए 2 बच्चे, अब हैं पहलवान

भिवानी।12 साल की उम्र में शादी, 14 साल में दो बच्चों की मां और 21 साल की उम्र में बनी भारत की कुश्ती टीम की सदस्य। ये कहानी है हरियाणा के भिवानी में जन्मी पहलवान नीतू की, जिसकी शादी महज 12 साल की उम्र में 30 साल के मानसिक रूप से विकलांग से कर दी गई थी।

– नीतू के हौसले ने बंदिशों के पर कतर दिए। सब कुछ मुमकिन बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर विदेश के रास्ते खोल लिए।

– नीतू ने बताया कि उसके पांच भाई-बहन हैं। परिवार वालों ने पहली शादी टूटने के बाद दूसरी शादी कर दी। नीतू के पिता प्रेम कुमार ने गरीबी के कारण 2007 में उसकी शादी रोहतक जिले के गांव बेड़वा के संजय कुमार से कर दी।

– शादी के बंधन में बंधी 14 वर्ष की आयु में नीतू ने जुड़वां बच्चों आयुष-प्रिंस को जन्म दिया जो आज आठ वर्ष के हो चुके हैं।

– वर्ष 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल में लड़कियों को कुश्ती लड़ते देख नीतू को भी खेलने का शौक चढ़ा।

– नीतू बताती हैं कि उन्होंने अपने पति संजय से बात की तो उन्होंने अपनी माता मरमन देवी से बात कर मुझे अखाड़े में जाने की इजाजत दे दी।

– वर्ष 2011 में उन्होंने रोहतक स्थित छोटूराम ईश्वर अखाड़े में जाना शुरू किया। वजन ज्यादा होने के कारण अखाड़े में उनसे कड़ी मेहनत कराई गई और 53 किलो भार वर्ग में लड़ने के लायक बनाया गया।

– गरीबी के कारण वह फटे जूतों और फटी प्रैक्टिस ड्रेस में अभ्यास करती थी। खाने की खुराक भी उसे पूरी नहीं मिलती थी। कोच व अन्य साथियों ने मदद की।

– कम समय में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत नीतू ने अपने इरादे जाहिर कर दिए। 2014 में खेली गई सीनियर नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य और 2015 में जूनियर नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।

– 2015 में केरल में खेले गए राष्ट्रीय खेलों में कांस्य जीता। उन्हें 2015 ब्राजील में खेली गई जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत की तरफ से खेलने का भी मौका मिला।

– नीतू अब ओलिंपिक में पदक लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

 

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