जिस उम्र में बच्चे खेल-कूद में ज्यादा व्यस्त रहते हैं उस उम्र में फिरोजपुर के श्रवण सिंह ने बड़ा काम किया है। 10 साल का श्रवण सिंह पंजाब ही नहीं बल्कि देश का सबसे कम उम्र का सिविल वॉरियर बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरहद पर सैनिकों को खाने-पीन की सामग्री पहुंचाने वाले 10 साल के सिविल वॉरियर श्रवण सिंह को सेना ने गोद ले लिया है। सेना उसकी शिक्षा और इलाज का पूरा खर्च उठाएगी। फिरोजपुर में सेना की छावनी में एक समारोह के दौरान पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने तारा वाली (ममदोट) के रहने वाले श्रवण सिंह को फिर से सम्मानित किया। इसी समारोह में सेना ने श्रवण को गोद लेने की घोषणा की।
श्रवण सिंह छोटी सी उम्र में देश और हमारी सेना के लिए बहादुरी का काम किया है। लेकिन यह बच्चा बीमारी से भी पीड़ित है। श्रवण शुगर की बीमारी से पीड़ित है। उसके इलाज का खर्च भी अब सेना उठाएगी। बीमारी की परवाह किए बिना वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों को ठंडा पानी, बर्फ, चाय, दूध व लस्सी पहुंचाता रहा। गांव तारा वाली से सरहद की दूरी दो किलोमीटर है। उसके साहस और उत्साह को देखते हुए भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने उसकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाने का संकल्प लिया है।बड़ा होकर सेना में भर्ती होना चाहता है
सरवन के पिता सोना सिंह ने बताया कि उनका बेटा इस समय चौथी कक्षा में पढ़ता है और बड़ा होकर सेना में भर्ती होना चाहता है। सैनिक उसे बहुत प्यार करते हैं। 18 जुलाई को ममदोट के स्कूल में सरवन का दाखिला करवाया गया।
7 मई को शुरू हुआ था ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में निर्दोष और निहत्थे 26 पर्यटकों की आतंकियों ने जान ले ली थी। इस हमले के जवाब में भारतीय सेना की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। इन ठिकानों में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित अड्डा शामिल था।