नयी दिल्ली : हर सुबह नजफगढ़ में सात बजे 10 युवा एक खाली प्लॉट में इकट्ठा होते हैं और खाना बनाना शुरू करते हैं। सुबह 11 बजे तक खाना बनकर तैयार हो जाता है फिर एक घंटे तक इस खाने को पैक किया जाता है। इसके बाद ये लोग दोपहर में जय विहार स्थित लाल स्टेडियम पहुंचते हैं और खाने के पैकेट बांटते हैं।
यह युवा किसी संस्था आदि से ताल्लुक नहीं रखते बल्कि ये सभी दस युवा 12वीं के छात्र हैं और दिल्ली के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। ये सभी बोर्ड परीक्षा दे चुके हैं और इनका मानना है कि यह समय घर में बैठने का नहीं बल्कि लोगों के लिए कुछ करने का है।
जब लॉकडाउन शुरू हुआ और वो लोग जो अपने घर नहीं जा सके और इस वक्त शहर के तमाम शिविरों में रह रहे हैं उनके लिए इन दस युवाओं ने कुछ करने की सोची। इसके लिए उन्होंने अपने गुल्लक तोड़े और पॉकेट मनी का पैसा मिलाकर लोगों को खाना बांटने की सोची। छह दिन में ये छात्र 1200 से ज्यादा लोगों को खाना खिला चुके हैं।
रौनक चौधरी जो द्वारका के स्कूल ऑफ एक्सिलेंस में विज्ञान स्ट्रीम के छात्र हैं उनका कहना है कि जब हमने सुना कि दिल्ली सरकार लोगों को खाना बांट रही है तो हमने सोचा कि हम भी उनकी सहायता करते हैं। हमने एक समूह बनाया जिसका नाम रखा ‘एक पहल’ उसकी मदद से पैसा जुटाया और अब खाना बनाकर लोगों को बांट रहे हैं।
उनके दोस्त अभिषेक चौधरी जो दिचांव कलां के सर्वोदय विद्यालय के छात्र हैं, का कहना है कि, नजफगढ़ में हमारे घर के पास एक खाली प्लॉट है। सबसे पहले हमने बर्तन जुटाए, फिर गैस और सिलिंडर लाकर प्लॉट में खाना पकाने लगे। हमारा एक दोस्त जो जानता है कि ज्यादा मात्रा में खाना कैसे बनाते हैं, उसने हमारी बहुत मदद की।