कम होगा 20 प्रतिशत प्रदूषण
सालभर में 75 हजार करोड़ रु. का ईंधन भी बचेगा
फास्टैग से रोज 70 लाख वाहन चालकों के 3.50 लाख घंटे बचेंगे
नयी दिल्ली : 1 दिसंबर से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के 520 टोल पर फास्टैग शुरू हो जाएगा। इससे यहां से गुजरने वाले करीब 70 लाख वाहन चालकों के रोजाना करीब 3.50 लाख घंटे बचेंगे। इसके अलावा हर साल करीब 75 हजार करोड़ रुपए का ईंधन भी बचेगा और प्रदूषण में 20% की कमी आएगी। देशभर में एनएचएआई के 537 टोल हैं, इनमें से 17 चालू नहीं हो पाए हैं। इस तरह से 520 में एक लेन एकदम बाएं को छोड़कर सभी पर फास्टैग शुरू होने जा रहा है। इसी लेन से बगैर फास्टैग वाले वाहन यानी कैश देने वाले जाएंगे। चूंकि केवल एक ही लेन कैश की होगी, इसलिए लंबी कतार लगना तय है। टोल पर प्रति वाहन औसतन समय 4 मिनट लगता है। इस तरह 4.66 लाख घंटे रोजाना टोल पर बर्बाद हो रहे हैं। फास्टैग के बाद यह समय एक चौथाई यानी करीब 1 मिनट रह जाएगा। 70 लाख वाहनों का तीन-तीन मिनट का समय बचेगा। आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एसके मित्तल ने बताया कि टोल पर लगने वाले जाम से हर साल करीब 1 लाख करोड़ रुपए का ईंधन बर्बाद होता है। फास्टैग से एक चौथाई समय लगने से बर्बादी भी घटकर 25 हजार करोड़ रुपए की रह जाएगी। इस तरह करीब 75 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। 30 नवंबर तक एनएचएआई द्वारा फास्टैग फ्री में उपलब्ध कराए जा रहे हैं और डेढ़ सौ रुपए का रिचार्ज किया जा रहा है। इसके अलावा फास्टैग से भुगतान करने पर 2.5% कैशबैक मिलेगा।
टोल से सालभर में 30 हजार करोड़ रु. वसूलेंगे
देश में नेशनल हाईवे की लंबाई 1.40 लाख किमी है।
अभी 24, 996 किमी हाईवे मेंं लिया जा रहा है टोल टैक्स।
अब तक 66,19055 फास्टैग जारी किए जा चुके हैं।
चार पहिया और बस-ट्रक के लिए अलग-अलग फास्टैग हैं।
बगैर फास्टैग वाली गाड़ी अगर फास्टैग की लाइन में आती है तो दोगुना टोल लिया जाएगा।
एक साल में 24.396 हजार करोड़ टैक्स वसूला जा रहा है। टारगेट 30 हजार करोड़ रु. का है।
इन राज्यों के टोल प्लाजा में भी शुरू हो जाएगा फास्टैग
सड़क परिवहन मंत्रालय का कई राज्यों के साथ समझौता हुआ है। इसके तहत यहां के कुछ टोल पर 1 दिसंबर से फास्टैग शुरू किया जा रहा है। इनमें मप्र, उप्र, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल है। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु और पंजाब में भी जल्द शुरू होगा।