कोलकाता/नयी दिल्ली : गत 16 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में भारतीय भाषा परिषद द्वारा प्रकाशित हिन्दी की उपलब्धि ‘हिंदी साहित्य ज्ञानकोश’ माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को अर्पित किया गया। प्रधान संपादक डॉ.शंभुनाथ और परिषद की अध्यक्ष डॉ.कुसुम खेमानी ने उन्हें यह प्रदान किया। भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने ज्ञानकोश देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर समाजसेवी विवेक गुप्ता, परिषद की मंत्री बिमला पोद्दार, वाणी प्रकाशन के अरुण माहेश्वरी और अदिति माहेश्वरी उपस्थित थे। इस अवसर पर भारतीय भाषा परिषद की अध्यक्ष कुसुम खेमानी ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति के द्वारा ज्ञानकोश सहर्ष स्वीकार करना हमारे लिए एक ऐतिहासिक घटना है। डॉ.शंभुनाथ ने कहा कि हमने देश के हिन्दी संसार और भारतीय भाषा परिषद की ओर से यह ज्ञानकोश आज भारतीय राष्ट्र को अर्पित किया है ताकि भावी पीढ़ी इसकी नींव पर ज्ञान की अधिक बड़ी इमारत बना सके। गौरतलब है कि भारतीय भाषा परिषद में लगभग पाँच वर्षों की मेहनत और देशभर के लगभग 300 लेखकों के सहयोग से यह ज्ञानकोश निर्मित और प्रकाशित हुआ है जिसका देशभर में स्वागत हो रहा है। 4560 पृष्ठों के इस कोश में हिन्दी साहित्य से संबंधित इतिहास, साहित्य सिद्धांत आदि के अलावा समाज विज्ञान, धर्म, भारतीय संस्कृति, मानवाधिकार, पौराणिक चरित्र, पर्यावरण, पश्चिमी सिद्धांतकार, अनुवाद सिद्धांत, नवजागरण, वैश्वीकरण, उत्तर-औपनिवेशिक विमर्श आदि कुल 32 विषय हैं। इसमें हिन्दी क्षेत्र की 48 लोक भाषाओं और कला-संस्कृति पर सामग्री भी है। इस ज्ञानकोश के निर्माण में संपादक मंडल के सदस्य राधावल्लभ त्रिपाठी, जवरीमल्ल पारख, अवधेश प्रधान, अवधेश कुमार सिंह, अवधेश प्रसाद सिंह और राजकिशोर जैसे ख्याति प्राप्त विद्वानों शामिल हैं। इस ग्रंथ का मुद्रण हिंदी दैनिक सन्मार्ग के सहयोग से हुआ है।