नयी दिल्ली गाय के गोबर के इस्तेमाल को लेकर भले ही लोग कुछ भी सोचें लेकिन प्रधानमंत्री के संदेश लोकल फॉर वोकल के तहत शुरू किए गए गोबर से बने पेंट को देशभर में काफी पसंद किया जा रहा है। इस पेंट से लोग अपने सपनों के घर को रंग रहे हैं। खादी ग्रामोद्योग के साथ मिलकर जयपुर के एक इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया यह पेंट तेजी से बिक रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग के वरिष्ठ अधिकारी की ओर से बताया गया है कि इसकी बिक्री काफी बेहतर है। महज 12 दिन के अंदर गोबर से बना साढ़े तीन हजार लीटर पेंट अभी तक बिक चुका है। यह भी तब है जबकि पेंट की बिक्री सिर्फ दिल्ली और जयपुर के दो स्टोर से ही की गयी थी। हालांकि अब खादी ग्रामोद्योग ने इसकी ऑनलाइन बिक्री (Online Sale) भी शुरू कर दी है जिसके बाद से देशभर में कहीं से भी लोग इसे ऑर्डर कर सकते हैं। गोबर से बने इस पेंट के ट्रायल और टेस्टिंग के दौरान भी यह पेंट तीन हजार लीटर बिक चुका है. इसके परीक्षण का काम अभी भी चल रहा है। किसी भी कंपनी का पेंट बनता है तो उसमें एक वॉलेटाइल ऑर्गनिक कंपाउंड (VOC) होता है. वीओसी में कुछ हानिकारक तत्व होते हैं जो पेंटिंग के दौरान भाप बनकर बाहर निकलते हैं। इससे पेंट करने वाले को आंखों में जलन शुरू हो जाती है. टेस्टिंग और इसकी अंतिम रिपोर्ट में देखा गया कि गोबर से बने इस पेंट में वीओसी की मात्रा न के बराबर है जिसकी वजह से इससे कोई परेशानी नहीं होती।इस पेंट को ऑर्डर करने वाले लोगों के फीडबैक में भी यह सामने आया है कि यह एक पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है जिसकी वजह से लोग इसे बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं। ग्रामोद्योग की ओर से बताया गया कि इसे गाय से मिलने वाले रोजगार के लिए शुरू किया गया है। हालांकि इसके उपयोगी होने के कारण यह लोगों को भा रहा है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी करा चुके हैं पेंट
इस पेंट को 12 जनवरी को एमएसएमई देख रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लांच किया था. इतना ही नहीं इस पेंट को लांच करने से पहले नितिन गडकरी ने भी इसका इस्तेमाल अपने आवास की दीवारों पर किया है। वहीं खादी ग्रामोद्योग की कई इमारतों में इसको पेंट किया गया है। इसे बनाने का काम खासतौर पर गौशालाओं में शुरू किया गया है। इससे महीने का 4500 रुपये करीब गोबर से मिलने का अनुमान है। गाय के गोबर से बने पेंट के कई फायदे हैंय़ यह एंटी बैक्टीरियल है, एंटी फंगस है. सस्ता है. इसमें भारी धातुएं नहीं हैं।