कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से साहित्य संवाद श्रृंखला के अंतर्गत काव्यपाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से कवियों ने हिस्सा लिया। स्वागत वक्तव्य देते हुए प्रो.संजय जायसवाल ने कहा कि साहित्य संवाद का यह आयोजन सृजनात्मकता की पहल है ताकि नई पीढ़ी को सृजनात्मकता से जोड़ा जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ आलोचक डॉ शंभुनाथ ने कहा कि कविताएं हमें जीवन को देखने समझने की एक नयी दृष्टि प्रदान करती हैं। चर्चित कवि अष्टभुजा शुक्ल ने कहा कि यह आयोजन नई प्रतिभाओं का मंच है।इस आयोजन में हर वर्ग की साझी आवाजें हैं। वरिष्ठ कवि प्रियंकर पालीवाल ने प्रेम को अपनी कविता में व्यक्त किया तो वहीं प्रो. गीता दुबे ने अपनी कविता के माध्यम से उन कथित प्रेमियों पर व्यंग्य किया जो लड़की द्वारा प्रेम को न स्वीकारने पर उन पर एसिड फेंक देते हैं। मशहूर कवयित्री लवली गोस्वामी ने मातृस्नेह को शब्दों में पिरोया और समां बांध दी। वरिष्ठ कवि राजेश मिश्र ने अॉनलाइन परीक्षा पर तंज कसते हुए बिना परीक्षा के पास होने वाले विद्यार्थियों पर व्यंग्य किया। हरिद्वार से जुड़ी ज्योति शर्मा ने पहाड़, नदी और गांव को अपनी कविताओं में शामिल किया। जमालपुर से जुड़ें चर्चित कवि परितोष पीयूष ने प्रेम पर अद्भुत कविताएं सुनाई। साथ ही आज की परिस्थिति पर कटाक्ष किया। कोलकाता के प्रसिद्ध कवि राहुल शर्मा ने व्यवस्था पर प्रहार करते हुए अपनी कविताओं का पाठ किया। मधु सिंह ने अपनी कविता में आदिवासियों के जीवन को व्यक्त किया। गया से महेश कुमार कविता के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को बयां किया। वहीं विद्यासागर विश्वविद्यालय की छात्रा अन्नू तिवारी ने अपनी कविता में वृक्षों का वर्णन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय जायसवाल ने किया। तकनीकी राहुल गौड़ ,रूपेश यादव और धन्यवाद ज्ञापन रामनिवास द्विवेदी ने दिया।