हर एक गलत को डंके की चोट पर खारिज करना, न कहना ही असली आजादी है

ईश्वर ने रात और दिन का बँटवारा जेंडर देखकर नहीं किया…इसलिए दिन और रात सभी के हैं…। लड़कियों रात को सुरक्षा के साथ काम करना हक है तुम्हारा..छा जाओ। ये समझ में आ गया ये अपराध आगे बढ़ने वाली लडकियों को पीछे धकेलने के लिए हैं तो जितनी लड़कियां सड़क पर होंगी अंकुश उतना ही लगेगा मगर लडकियों आज़ादी का मतलब दारू पीकर बेवड़ा बनना नहीं है…अपनी देह दिखाना और खुलेआम देह में डूबना नहीं है…शॉर्टकट के लिए किसी को पटाकर प्रोमोशन पाना नहीं है. इससे आप वही कर रही हैं जो पुरुष चाहता रहा है..
गुड़िया बनकर किसी को जब आप रिझाने चलती हैं..वहीं आपकी आजादी खत्म हो जाती है और दूसरी लडकियों के लिए आप एक घिनौनी राह विरासत में देती हैं…यही बात लड़कों के लिए है…कोई जरूरत नहीं किसी के लिए अपनी अच्छाई और सादगी को छोड़ने की
असली साहस और बोल्ड होना…हर उस प्रस्ताव को डंके की चोट पर खारिज करना है जो आपकी गरिमा को चोट पहुंचाता हो…न करना सीखो…भले ही इसके बाद घर और बाहर तुम्हारी जिंदगी नर्क बना दी जाये…मगर तुम खुद को बचा ले जाओगे…ये कठिन है..असंभव नहीं है…ऐसे लोगों को झाड़ना सीखो और सबसे सामने झाड़ दो…घुटना नहीं नहीं है…अगर किसी बेवड़े या अपराधी के साथ हो…सीधे बहिष्कार करो । जो नशे में खुद को नहीं सम्भाल सकता वो किसी को क्या सुरक्षा देगा या देगी? जिसे अपने कपड़ों का होश नहीं..वो तुम्हारी गरिमा को क्या मान देगा या देगी? जो व्यक्ति अपने घर को छोड़कर तुमसे प्रेम का दावा कर रहा/रही है…किसी और के आने पर तुमको नहीं छोड़ेगा…इसकी क्या गारन्टी है??
रिश्ते निभाने के लिए आदर और स्नेह काफी है…इससे ज्यादा की तो जरूरत ही नहीं. .प्यार करना है..खुद से करो. ..अपने आत्मसम्मान से..अपने भविष्य से. ..अपनी रुचियों से. .अपने लक्ष्य से..अपनी किताबों से..अपने दोस्तों से करो. ..तुम्हारे लिए सबसे बड़ा संबल तुम खुद हो. ..क्योंकि हर बार तुम्हारे जीवन का युद्ध खुद तुमको लड़ना है…तुम्हारा सबसे बड़ा सहारा. ..सबसे बड़ी शक्ति तुम खुद हो और वो जो ऊपर है. ..वही है. .सारथी उसे बनाओ. ..रास्ते खुद ही खुल जायेंगे । लडकियों रक्षा बंधन आ रहा है और ये तुम ही कर सकती हो….अगर तुम्हारे भाई ऐसे हैं तो दूसरी बहनों के बारे में सोचो और अपने साथ उनकी भी सुरक्षा का वचन लो…लड़के भी ऐसा ही करें…जो गलत राह पर जाने से रोके…असली संबंध वही है…हर गलत को न कह सको …असली आज़ादी..असली साहस वही है पर इसकी शुरुआत खुद से होगी । पहले आजादी का मतलब समझो और समझाओ

शुभजिता

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