शुभजिता में मेरी जान हिन्दुस्तान के अंतर्गत मैं बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के लिये अपने स्तर पर एक यह एक नया स्तम्भ है। हमारा लक्ष्य इन राज्यों में निवेश, लघु कुटीर उद्योग, महिला एवं युवा उद्यमियों और उनके स्टार्ट अप को प्रचार और मंच देना है। भाषा, इतिहास, साहित्य, विज्ञान को सामने लाना है। इससे होगा ये की इन राज्यों के जिन लोगों को आज दूसरे राज्यों से पलायन करना पड़ रहा है, वो अब अपने राज्य में, अपने परिवार के साथ अपने गाँव और राज्य और देश को अपनी अतुलनीय श्रम शक्ति से खड़ा कर सकेंगे। जब ये राज्य उन्नत होंगे तो नजरिया भी बदलेगा और सबको अहसास होगा की उन्होने क्या गलती की है। जरूरत पड़ने पर हम इन राज्यों में कार्यक्रम या सम्मेलन भी कर सकेंगे।
मैने अपने एक वीडियो में कहा था की हम प्रवासियों को अपने राज्यों के लिये कुछ कहना होगा। करना होगा। कह तो चुकी, अब करने का समय है, और वो दिन लाने का समय है जब जिनकी वजह से हमारे श्रमिक भाई -बहन अपमानित हो रहे हैं, पलायन कर रहे हैं, वो एक दिन शर्मिंंदा हों, अपनी हर बात पर, और वो होंगे, यही संकल्प है। यही आरम्भ का समय है। इन तीनों राज्यों के मीडिया कर्मी संगठक कृषि उद्यमी तथा युवा मित्र इस मुहिम में साथ दे सकते हैं क्योकि इनके बिना यह कठिन है।जिनकी भी रुचि हो वो कृपया सम्पर्क करें। यह भाषा के स्तर पर हिन्दी के साथ अवधी, भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, संथाली की रचनाओं को भी सामने लायेगा।