स्टॉकहोम : स्वीडन की एक म्यूनिसिपल कॉरपोरशन बुजुर्गों के केयरहोम्स में 3डी-प्रिंट वाला खाना देने की तैयारी कर रही है ताकि उनकी भूख को बढ़ाया जा सके। अफसरों का मानना है कि 3डी प्रिंट वाला खाना थोड़ा उभरा हुआ दिखाई देता है और आपको ज्यादा आकर्षित करता है।
हेम्सटेड म्यूनिसिपैलिटी के केटरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख रिचर्ड एस्प्लॉन्ड कहते हैं कि जब आपको खाने और चबाने में दिक्कत होने लगे तो आपको भूख भी नहीं लगती। इसको लेकर हमारे मन में खाने को थोड़ा और खूबसूरत दिखाने का आइडिया आया ताकि खाना काफी असल जैसा लगे। म्यूनिसिपैलिटी ने खाने की इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए एक भागीदार भी जोड़ा है। अफसरों को उम्मीद है केयरहोम्स में रहने वाले बुजुर्गों को मिलने वाले चिकन और ब्रोकली का रूप बेहतर होगा और उन्हें खाने की इच्छा होगी।
प्रोजेक्ट का संयोजन संभाल रहीं एक रिसर्चर एवेलीना होगलंड का कहना है कि केयरहोम्स को रोज उनके यहां रहने वाले लोगों के डिस्फेगिया से जूझना पड़ता है। इसमें चबाने में दिक्कत के साथ इंसान पर्याप्त खाना भी नहीं खा पाता। अगर लोग लगातार कम खाना खाएंगे तो उन्हें बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। स्वीडन में 8% वयस्कों को चबाने की समस्या है। हालांकि यह प्रोजेक्ट फिलहाल अध्ययन के स्तर में है। अफसरों को उम्मीद है कि हेमस्टेड और हेलसिंगबोर्ग शहर में इस साल के अंत तक केयरहोम्स में 3डी प्रिंट वाला खाना दिया जाने लगेगा।
होगलंड के मुताबिक- पहली चुनौती तो यह है कि मेडिकल टेक्नोलॉजी के लिए डिजाइन किए गए प्रिंटर को हमें अपने मुताबिक बनाना है। साथ ही यह ध्यान भी रखना है कि वे स्वच्छता के साथ पर्याप्त मात्रा में प्रिंट कर सकें। केटरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख रिचर्ड की एक अन्य चिंता है कि 3डी प्रिंटेड चिकन खाने में बहुत मजेदार नहीं लगता। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि जो आज परोसा जा रहा है, उससे तो यह काफी बेहतर होगा।