नयी दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी की पहली महिला चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को बनाया गया। 28 फरवरी से उनके कार्य की शुरुआत हो गई है। माधवी की यह नियुक्ति फिलहाल 3 साल के लिए है। इससे पहले माधवी अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 के दौरान सेबी की होलटाइम मेंबर थीं।
सख्त स्वभाव और 30 साल का लंबा अनुभव
माधवी पुरी बुच बहुत ही सख्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। वे कड़े फैसले लेने के लिए मशहूर रही हैं। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की। उसके पहले दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की थी। माधवी के पास फाइनेंशियल सेक्टर में 30 सालों का लंबा अनुभव है और वे सेबी की तमाम कमेटियों में पहले भी काम कर चुकी हैं। वे अभी इसकी एडवाइजरी कमिटी में भी थीं।
पहली महिला प्रमुख, जिसने यह ऊंचाई तय की
माधवी पुरी बुच मार्केट रेगुलेटर सेबी के शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। वे पूर्णकालिक निदेशक बनने वाली भी पहली महिला हैं और निजी क्षेत्र से सेबी चेयरपर्सन तक पहुंचने वाली भी पहली अधिकारी हैं।
सिंगापुर, चीन के बड़े वित्तीय संस्थानों में किया काम
बुच ने अपना कॅरियर देश में निजी सेक्टर के बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक से 1989 में शुरू किया था। 2007 से 2009 तक आईसीआईसीआई बैंक में कार्यकारी निदेशक थीं। वे 2009 फरवरी से मई 2011 तक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एम डी एवं सीईओ थीं। 2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां उन्होंने ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल एलएलपी में काम किया। उन्होंने न्यू डेवलपमेंट बैंक, शंघाई, चीन में भी काम किया है। उनके पास सेबी में सर्विलांस, कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम, इकोनॉमिक और पॉलिसी एनालिसिस, इन्वेस्टर असिस्टेंस एंड एजुकेशन और इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी थी। सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के कार्यकाल के बाद बुच सात सदस्यों वाले एक्सपर्ट ग्रुप की प्रमुख थीं।
अपने कार्यकाल में दो घोटालों का किया खुलासा
सेबी में अपने पहले कार्यकाल के दौरान माधवी ने दो बड़े बिजनेस टीवी पत्रकारों के शेयर बाजार में घोटाले का खुलासा किया था। इससे पहले दीप इंडस्ट्रीज इनसाइउर ट्रेडिंग के मामले में भी उन्होंने खास भूमिका निभाई थी।