कोलकाता : सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल की छात्राओं को ओलम्पिक्स के अनूठे रंग देखने को मिले। सभी कक्षाओं की छात्राओं को पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन और यू ट्यूब वीडियो के जरिए इन खेलों का इतिहास दिखाया गया। ओलम्पिक्स के सूत्र वाक्य यानी मोटो से लेकर उसके ध्वज का महत्व, शपथ, मशाल, मस्कट यानी शुभंकर के बारे में छात्राओं को जानकारी दी गयी। शिक्षिकाओं ने इस दिशा में विशेष योगदान किया..और नियमित तौर पर इन खेलों के बारे में छात्राओं को जानकारी दी जाती रही। नर्सरी की छात्राओं से परिचयात्मक सत्र के दौरान किसी विशेष खेल के प्रति किसी छात्रा की रुचि से भी शिक्षिकाएँ अवगत हुईं। इन छात्राओं ने इयर बड प्रिंटिंग के जरिये ओल्मपिक्स के पाँच रिंग्स यानी छल्ले बनाये। किंडरगार्ठन की छात्राओं ने अपनी कम्प्यूटर क्लास में एम एस पेंट पर ओलम्पिक्स रिंग्स को एक अनूठा रूप दिया। पदकों की गणना के जरिए उनको अधिक और कम संख्या के बारे में बताया गया। कई मूल्यपरक कहानियाँ सुनायी गयीं। गूगल अर्थ की मदद से छात्राओं ने जापान की वर्चुअल सैर भी की। पहली और दूसरी कक्षा की छात्राओं ने खेलों का महत्व समझाते हुए स्लाइड्स और पोस्टर बनाये। चौथी कक्षा की हर छात्रा ने इन खेलों में भाग लेने वाले 6 देशों को चुना, उनका ध्वज बनाया तथा विश्व के नक्शे पर इनका पता लगाया। पाँचवीं कक्षा की छात्राओं ने इन खेलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित कीं और तस्वीरों के साथ अपनी कॉपियों में सजाया। पहली से पाँचवीं कक्षा की जनरल नॉलेज यानी सामान्य ज्ञान की कक्षा इन खेलों पर ही केन्द्रित रही। छात्राएँ टोक्यो ओलम्पिक्स से जुड़े समाचार और तथ्य एक दूसरे से साझा करने में व्यस्त रहीं। इस अवसर पर छात्राओं ने एक विशेष वीडियो भी बनाया।