विख्यात सरोद मेस्त्रो अमजद अली खान ने क्लासिकल डांसर सुबलक्ष्मी को प्रपोज किया तो उन्होंने कई महीनों के इंतजार के बाद शादी के लिए हां की। बाद में अमजद अली ने अपनी पत्नी के नाम एक सुबलक्ष्मी राग ही बना दिया।
सात पीढ़ियों से उस्ताद अमजद अली खां का सरोद वादन जारी है। उन्होंने क्लासिकल डांसर सुबलक्ष्मी से शादी की है। सुबलक्ष्मी से उनकी मुलाकात कोलकाता में 40 साल पहले हुई थी। इस मुलाकात के बाद अमजद अली ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने छह महीने बाद सहमति दी।
अपना कैरियर छोड़ा सुबलक्ष्मी ने
हालांकि शादी में परेशानियां जरूर आई, लेकिन उनका सफर जारी है। सुबलक्ष्मी ने अपने पति अमजद अली खान और दोनों बेटों अमान औऱ अयान के लिए अपनी डांसिंग कैरियर छोड़ दिया। खुद उस्ताद अमजद अली मानते हैं कि, वो और दोनों बेटे अंतरराष्ट्रीय स्तर के सरोद वादक हैं तो उसके पीछे सुबलक्ष्मी की मेहनत और समर्पण है।
उस्ताद ने बनाए 24 राग
उस्ताद अमजद अली खान ने सरोद वादन के जरिए 24 से ज्यादा राग विकसित किए हैं। उन्होंने एक राग अपनी पत्नी सुबलक्ष्मी के नाम किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में गांधी के भजन वैष्णव जन को अपने सरोद के सुर दिए।
उस्ताद ने विकसित किए ये राग
सावन मैहर, हाफिज खान, आहुति, सुबलक्ष्मी, कमलश्री, जवाहरमंजरी, शिवाजंलि, सरस्वती कल्याण, ललिता धानवी, सुहाग भैरव, चंद्र धवनी, स्वर समीर, विभाविरी, किरण रंजिनी, हरि प्रिया कन्नड़, अमीरी तोड़ी, श्याम श्री, प्रियदर्शिनी, मंग्रेश, शांतना, गणेश कल्याण, श्याम गौरी और राहत कौंस।