Wednesday, August 27, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

सुकीर्ति गुप्ता की अंतिम बहुप्रतीक्षित कृति “कोलाज” का लोकार्पण

कोलकाता : पारसमल कांकरिया जैन सभागार में ‘विचार मंच’ के तत्वावधान में, गत 16 फरवरी को स्वर्गीय सुकीर्ति गुप्ता की अंतिम कृति “कोलाज” का लोकार्पण प्रो. चंद्रकला पांडेय ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ वसुंधरा मिश्र के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण में विचार मंच की गतिविधियों का ब्यौरा देते हुए दुर्गा व्यास ने सुकीर्ति जी को याद किया। श्री श्वेतांबर जैन सभा के अध्यक्ष सरदारमल कांकरिया ने किरण सिपानी को पुस्तक को प्रकाश में लाने के लिए धन्यवाद दिया।
अपने वक्तव्य में नूपुर जैसवाल ने कहा कि सुकीर्ति जी ने मुझे साहित्य जगत से जोड़ा। अपने आत्मकथात्मक उपन्यास “कोलाज” में उन्होंने बेहद प्रवाहमयी भाषा में अपने जीवंत अनुभवों को पिरोया है। नायिका के जीवन के विभिन्न समय के चित्रों को समग्रता से उपन्यास में उकेरा गया है।
प्रियंकर पालीवाल ने आलोच्य कृति को आत्मकथा मानते हुए कहा कि स्त्रियाँ अगर आत्मकथा लिखने लगे तो समाज में भूचाल आ जाए। सुकीर्ति जी ने जो लिखा है अगर उसका तीन चौथाई भी सच है तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए। सुकीर्ति जी की कृति बताती है कि एक स्वतंत्रचेता स्त्री समाज में अपने स्वाभिमान के साथ कैसे जीवित रह सकती है।
रेणु गौरीसरिया ने कहा कि सुकीर्ति जी की कृति यथार्थपूर्ण है और इसके केन्द्र में स्त्री है। नायिका कीर्ति के जीवन का संपूर्ण चित्रण उपन्यास में हुआ है। कवि शैलेंद्र ने कहा कि इस किताब से गुजरना दुखों, निराशाओं और विडंबनाओं से गुजरना है। एक स्त्री के बचपन में थोड़ी सी शारीरिक कमी की वजह से हुई उपेक्षा और स्वाभिमानी स्त्री के संघर्षों के विवरणों को पढ़ दुखी ही हुआ जा सकता है। बचपन से ही उपेक्षा, ईर्ष्या को झेल रही उपन्यास की नायिका कीर्ति बड़ी मुश्किल से अपनी पढ़ाई पूरी कर अध्यापिका तो बन जाती है,पर सहज जिंदगी उसके हिस्से में नहीं आती। इसमें लेखिका ने प्रकाशन और शिक्षण क्षेत्र की विसंगतियों को बेबाकी से दर्ज किया है,जिनमें स्वार्थ,लालच और तरक्की के लिए अनैतिक गठजोड़, समझौते हैं, जिसमें देह की भी अपनी भूमिका है। कोलाज को आत्मकथात्मक उपन्यास कहा जा सकता है और एक पढ़ी-लिखी स्वाभिमानी महिला के जीवन संघर्ष को जानने-समझने के लिए इसे पढ़ा जाना चाहिए।
अपने उद्गार में किरण सिपानी ने सुकीर्ति गुप्ता को याद करते हुए कहा कि किताब को सामने लाकर उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह किया जिससे उन्हें आत्मिक संतोष मिला। उन्होंने कहा कि यह उनकी गुरु दक्षिणा है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में चंद्रकला पांडेय ने कहा कि बहुत सी औरतें जिंदगी में संघर्ष करती हैं, कटु अनुभवों से दो चार होती हैं पर सब लिख नहीं पातीं लेकिन सुकीर्ति गुप्ता ने बड़ी बेबाकी से अपने जीवनानुभवों को शब्दबद्ध किया है। आज भी समाज में बहुत सी सुकीर्तियां हैं जो अकेले संघर्ष कर रही हैं। अकेली स्त्री अपनी मजबूती से ही जीवन के संकटों का मुकाबला कर सकती है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए गीता दूबे ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से गुरु सुकीर्ति गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के अंत में अरुण बच्छावत ने सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में शहर भर के साहित्यानुरागी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news