लक्ष्मी शर्मा की रपट
राज्यपाल ने किया एसटीसी बैकुंठपुर में सत्यापन परेड का निरीक्षण
सिलीगुड़ी । बैकुण्ठपुर के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र में सीमा सुरक्षा बल के 355 महिला प्रहरी नव-आरक्षक बैच संख्या – 211 व 212 के सत्यापन परेड (पासिंग आउट परेड) का आयोजन किया गया। इस भव्य परेड में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, एवं राज्य की प्रथम महिला डाॅ सुदेश धनखड़ भी मौजूद थीं। इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला प्रहरी नव-आरक्षक बैच संख्या – 211 व 212 को सफलता पूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने एवं उत्कृष्ट दर्जे की परेड का प्रर्दशन करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन महिला नव-आरक्षकों की आंखों में जो चमक और मजबूत इरादे देखे है वह आगामी भविष्य में बदलते भारत का परिचायक है। उन्होंने अजय सिंह, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुन्ठपुर एवं उत्तर बंगाल सीमान्त मुख्यालय और उनके अनुभवी अनुदेशकों की टीम को इस भव्य परैड को इस मुकाम पर पहुँचाने के लिये भूरी-भूरी प्रशंसा की।
सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुण्ठपुर, सीमा सुरक्षा बल के पश्चिम बंगाल के सीमा क्षेत्र का एक मात्र ऐसा प्रशिक्षण केन्द्र है, जिसने अभी तक 32367 सीमा सुरक्षा बल के नव-आरक्षकों और अन्य बल के 2573 कार्मिकों को प्रशिक्षित किया है। बैच संख्या- 211 में कुल 180 महिला नव-आरक्षक ने शपथ ग्रहण की है, जिनमें से 21 आन्ध्र प्रदेश से, 12 छत्तीसगढ़ से, 22 झारखण्ड से, 05 जम्मू-कश्मीर से, 19 मध्य प्रदेश से, 10 पंजाब से, 17 राजस्थान से, 31 उत्तर प्रदेश से, 25 ओडिशा से व 18 देश के विभिन्न प्रान्तों से है। जबकि, बैच संख्या- 212 में कुल 175 महिला नव-आरक्षक ने शपथ ग्रहण की है, जिनमें से 20 आन्ध्र प्रदेश से, 11 छत्तीसगढ़ से, 20 झारखण्ड से, 07 जम्मू-कश्मीर से, 17 मध्य प्रदेश से, 12 पंजाब से, 19 राजस्थान से, 29 उत्तर प्रदेश, 24 ओडिसा से व 16 देश के विभिन्न प्रान्तों से है।
बैच सं 211 से महिला नव-आरक्षक सुर्बना प्रधान और बैच सं 212 से महिला नव-आरक्षक सुमन गोदारा प्रशिक्षण के सभी क्रिया कलापों में प्रथम स्थान पर रहीं और इन दोनों को माननीय श्री जगदीप धनखङ, राज्यपाल, पश्चिम बंगाल ने सम्मानित किया । इसके साथ ही प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न गतिविधियों में अलग-अलग प्रतिस्पर्द्धाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली कुल 10 महिला नव-आरक्षकों को भी राज्यपाल ने ट्रॅाफी प्रदान कर सम्मानित किया।
44 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण के बाद ये महिला नव-आरक्षक इस मुकाम पर पहूँची है। इस रंगारंग पैरेड को देखने के लिये सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी, अन्य बलों और संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिष्ठित हस्थियां, प्रशिक्षुओं के माता-पिता व परिवारजन और गणमान्य अतिथि शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं ने धीरे-धीरे अभ्यास कर विभिन्न प्रकार के हथियारों को चलाने, चांदमारी कुशलता, सीमा प्रबंधन, कानूनी प्रावधान, ड्रिल एवं बल की अन्य गतिविधियों में दक्षता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुण्ठपुर के प्रशिक्षकों की सख्त मेहनत से इनकी शारीरिक दक्षता में भी बढ़ोतरी हुई है जिसके परिणामस्वरूप यह सभी महिलानव-आरक्षक शारीरिक, मानसिक एवं व्यावसायिक तौर पर पूरी तरह से देश की सुरक्षा एवं देश विरोधी तत्वों का सामना करने के लिये तैयार हैं।
परेड के समापन के बाद ई गुल्म की महिला नव-आरक्षकों ने मोबाईल के दुष्प्रभाव पर एक शानदार प्रस्तुति दी और साथ ही ई गुल्म की लद्दाख क्षैत्र की रहने वाली महिला नव-आरक्षकों ने लद्दाख क्षैत्र की पारम्परिक वेशभूषा में लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया और संस्थान के पी.टी. अनुदेशकों ने शारीरिक दक्षता और विभिन्न कलाबाजियाँ दिखायीं। परेड के दौरान उपस्थित प्रशिक्षुओं के माता-पिता एवं परिवारजनों को इस यादगार परेड पर गर्व की अनुभूति हुई, जिसे वे जीवन भर अपनी यादों में संजो कर रखेंगे। सहायक प्रशिक्षण केंद्र, बैकुंठपुर में 818 महिला एवं पुरुष नव आरक्षक प्रशिक्षणरत थे, जिनमें से आज 355 महिला नव आरक्षक पास आउट हो चुकी हैं और अभी वर्तमान समय में 463 महिला एवं पुरुष नव आरक्षक प्रशिक्षणरत हैं।