नयी दिल्ली : देश में पहली बार महिला सैनिकों के लिए बॉडी प्रोटेक्टर लॉन्च किया गया है। इससे उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान सुरक्षा में मदद मिलेगी। सीआरपीएफ की महिला सैनिकों के लिए बनाए गए इस प्रोटेक्टर को शुक्रवार को सीआरपीएफ के डीजी राजीव राय भटनागर और डीआरडीओ में लाइफ साइंस के डीजी ने लॉन्च किया। इससे उनकी महिला बटालियन की करीब 8000 सैनिकों को फायदा मिलेगा। इसमें महिलाओं को पुरुष जवानों के समान ही पूरी शरीर की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। फुल बॉडी आर्मर में शोल्डर पैड, आर्म गार्ड, फ्रंट और बैक शील्ड को भी शामिल किया गया है।
कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता बनी समिति ने दिखाई तेजी
महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय सम्मेलन में उठाया गया था। इसके बाद पुलिस और सशस्त्र बलों में महिलाओं की सुरक्षा समस्याओं के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के बाद हरी झंडी दिखाई गई। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सीआरपीएफ के आईजी प्रोविजनिंग अनुपम कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। इसके बाद सीआरपीएफ, डीआईपीएएस (डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज) और डिफेंस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के आपसी सहयोग से बॉडी प्रोटेक्टर को डिजाइन किया। डीआईपीएएस के वैज्ञानिकों ने बॉडी गियर डिजाइन करने से पहले सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स की महिला जवानों का अध्ययन किया था। इसे बनाने में दो साल लगे। दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के इंचार्ज सुमन नुलवा के मुताबिक, ‘‘पुलिस में अक्सर हम पुरुष प्रधान रहते हैं, लेकिन अब इस लिंग भेद समाप्त कर महिलाओं को भी विशेष जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। ताकि, वे अपने कर्तव्यों को अधिक आसानी से निभा सकें।’’ निर्भया केस में विरोध प्रदर्शन को मैनेज करने वाली महिला आईपीएस ने मीडिया को बताया, ‘‘महिला पुलिस को लॉ एंड ऑर्डर को ठीक करने के दौरान ही समस्या आती है। इस दौरान हेलमेट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि महिलाओं को अक्सर हेलमेट फिट नहीं होते, क्योंकि वे पुरुषों के अनुरूप मंगाए गए होते हैं। हेलमेट की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी।