नयी दिल्ली : खेती-बारी की बात होती है तो हम गांव देहात के बारे में सोचने लगते हैं। खुले-खुले खेत, वन प्रांतर और ढोर-डांगर। लेकिन, आप शहर में रहते हैं। आपके पास खेत खलिहान तो दूर, बागवानी के लिए भी फालतू जमीन नहीं है। ऐसे में कैसे खेती होगी? पर, आपको जान कर हैरानी होगी कि आप अपने मकान की छत पर भी खेती कर सकते हैं। सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि लाभकारी खेती। अपने छत पर आप सब्जी उगा सकते हैं। फल उगा सकते हैं। फूल उगा सकते हैं। और, उसे बेच भी सकते हैं। सहकारी क्षेत्र के संगठन इफको किसान की इकाई माई अर्बन ग्रीन्स के हेड ऑफ डिपार्टमेंट कर्नल कबीर दुबे हमें बता रहे हैं विस्तार से..
छत पर खेती करने की तकनीक क्या है?
आप सोच रहे होंगे कि छत पर खेती करने के लिए ढेर सारी मिट्टी की जरूरत होगी। वहां क्यारी बनाना होगा। फिर उसमें पौधों की रोपाई होगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। खेती की एक नई तकनीक आई है, हाइड्रोपॉनिक्स। इस तकनीक से खेती करने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। इसमें फल, सब्जी और फूल को पानी के माध्यम से उगाया जाता है। मिट्टी में उगाए गए फसलों के मुकाबले में इनमें अधिक पोषक तत्व होते हैं। साथ ही पैदावार तेजी से बढ़ती भी है और चार से पांच गुना अधिक उपज होती है।
छत पर क्या-क्या उगा सकते हैं?
कर्नल कबीर दुबे का कहना है कि छत पर आप फल, फूल और सब्जी आसानी से उगा सकते हैं। अगर आप नई तकनीक के सहारे खेती कर रहे हैं तो आपको पैदावार अच्छी होगी, जिसे आप बाजार में बेच सकते हैं। इसके साथ ही आप तरह-तरह के पौधों को उगाकर बेच सकते हैं। उनका कहना है कि छत पर खेती कर आप अपने लिए न सिर्फ पोषक और शुद्ध खाद्य पदार्थ ही उगा सकते है, बल्कि आप मोटी कमाई भी कर सकते हैं। छत पर खेती आमतौर पर जैविक तरीके से होती है। इस कारण इनके दाम भी बाजार में अच्छे मिलते हैं।
क्यों तेजी से बढ़ रहा है छत पर खेती का प्रचलन?
गांवों में तेजी से खेती की जमीन कम हो रही है। परिवार बढ़ रहा है और बंटवारे की वजह से जोत छोटी हो रही है। शहर में तो खेती के लिए जमीन तो नहीं के बराबर बची है। लेकिन, फल और सब्जियों की मांग में कोई कमी नहीं हुई है बल्कि यह बढ़ती ही जा रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आम लोग से लेकर खेती के कारोबार से जुड़े लोग भी छत पर खेती करना शुरू कर रहे हैं। हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक से फसल जल्द तैयार हो जाती है, जिससे आप कमाई तो ज्यादा करते ही हैं, साथ ही आप बाजार की मांग को भी पूरा करने में सक्षम होते हैं।
हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक में क्या मिट्टी की जरूरत बिल्कुल नहीं होगी?
इस तकनीक में मिट्टी की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती। एक छोटी सी टोकड़ी में नारियल के छिलके का चूरा (कोको पीट) मुख्य तौर पर डाला जाता है। इसी टोकड़ी में पानी नियमित रूप से डाला जाता है। साथ ही इसमें कुछ पोषक तत्व भी डाले जाते हैं, ताकि पौधों को पोषण मिलता रहे। मिट्टी का प्रदूषण फसल में पहुंच जाता है। लेकिन इस विधि में तो मिट्टी का उपयोग ही नहीं होता, इसलिए प्रोडक्ट तक प्रदूषण पहुंचने की बात ही नहीं है। इस तरीके से छत पर 4 फीट गुना 4 फीट की चार क्यारियों में फसल उगाने पर ही एक परिवार अपने महीने भर की जरूरत की सब्जी उगा सकता है।
इस तरीके से खेती करने के लिए कहां से मिलेगी मदद?
हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक से खेती करने के लिए आज बाजार में सब कुछ उपलब्ध है। इस काम में कई कंपनियां आगे आई हैं, जिनमें इफको किसान भी एक है। इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों से आपको शौकिया गार्डन से लेकर कमर्शियल फार्म तक स्थापित करने में मदद मिल सकती है।





