कोलकाता । शिक्षा केवल बड़े स्तर की नौकरी पाने के लिए अर्जित नहीं की जाती बल्कि शिक्षा आजीवन सीखने की वह प्रक्रिया है, जो हमारे छात्रों को देश में नैतिक और ईमानदार नागरिक बनाने और मार्गदर्शन करने के लिए उनमें नैतिक मूल्यों की समझ पैदा करती है। इसी सन्देश के साथ साॅल्टलेक के सेक्टर फाइव में स्थित साॅल्टलेक शिक्षा निकेतन स्कूल की ओर से स्कूल ऑडिटोरियम में बेहद भव्य तरीके से अपना 19वां स्थापना दिवस मनाया गया। समारोह का उद्घाटन डॉ. सुभाष सरकार (शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार), ललित बेरीवाला, जी एस खजांची, भंवरलाल जाजोदिया, वीके गोयल, आरसी सिंघल, संजय अग्रवाल, नूपुर दत्ता और कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इस मौके पर शामिल थे।
इस आयोजन में चारों के बीच जी-20 की थीम पर विशेष जोर दिया गया था, जिसे लेकर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और सीबीएसई ने एक विश्व, एक परिवार का संदेश फैलाने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। सीबीएसई बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार का मानना है कि जी 20 स्कूल जाने वाले बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य, इसकी गतिशीलता और इसमें भारत की स्थिति को समझने में सक्षम बनाएगा। केंद्र सरकार के इस पहल की सराहना करते हुए साल्टलेक शिक्षा निकेतन ने स्वदेशी ओडिसी और रूसी बैले का फ्यूज़न पेश करने की योजना बनाई थी। टैगोर के छंद नाटक पुजारिनी (पूजा करने वाले), “नवरस”, नौ मानवीय भावनाओं का चित्रण और शेक्सपियर के “सेवेन एज ऑफ मैन” ने हमारे छात्रों के समग्र विकास के विषय को चुना जायेगा।
इस अवसर पर सॉल्टलेक शिक्षा निकेतन की प्रिंसिपल नूपुर दत्ता ने कहा, ‘एक सूत्रधार के रूप में, मैंने हमेशा नेल्सन मंडेला के शब्दों पर विश्वास किया है- शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य हमारी आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर और सुंदर दुनिया बनाने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करना है।