कोलकाता । बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 67वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर साहित्य अकादेमी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा ‘दलित चेतना’ कार्यक्रम के अंतर्गत बहुभाषी कविता पाठ का आयोजन किया गया। आरंभ में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने औपचारिक स्वागत करते हुए बाबा साहेब अंबेडकर के जीवन और संघर्ष को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि अंबेडकर का जीवन हमे प्रेरणा तो देता ही है लेकिन उनका संघर्ष हमारे जीवन को हारने नहीं देता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बंगला दलित साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार मनोहर मौली विश्वास ने बाबा साहेब के जीवन से सीखने और उसको लागू करने की बात कही। उन्होंने बांग्ला और अंग्रेजी कविताओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम में हिंदी कवि डॉ. कार्तिक चौधरी ने बाबा साहेब के जीवन को आधार बनाकर ‘आप न होते’, ‘नीला रंग’, ‘हमारे पूर्वज’ कविता का पाठ किया। बांग्ला के चर्चित कवि आशीष हीरा ने राम राजत्व, गृहज, दास दासत्व कविता का पाठ किया। वरिष्ठ कवि श्यामल कुमार प्रमाणिक ने हे आमार स्वदेश, एबार घूरे दारानो जाक कविता का पाठ किया। भोजपुरी कवि रामजीत राम उन्मेष ने मजदूरन का हाल, मरत बाटे जनता शीर्षक कविताओं का गीतात्मक शैली में पाठ किया। शशि कुमार शर्मा ने जब तक है संविधान तथा अन्य कविताओं का पाठ किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अकादेमी के कार्यक्रम अधिकारी मिहिर कुमार साहू ने किया।