– मालदह जिले में तीन हजार से अधिक मरीज
-पश्चिम मेदिनीपुर में सात महीनों में एचआईवी के सौ से अधिक मरीज मिले
मालदह। मालदह जिले में एचआईवी पॉजिटिव और एड्स से पीड़ित लोगों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में जिले में तीन हजार 100 संक्रमित मरीज दर्ज किए गए हैं। इनमें 300 नाबालिग शामिल हैं, जिनकी उम्र 15 वर्ष से कम है। जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुदीप्त भादुड़ी ने इस स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मालदह के कई गांवों में काला ज्वर से कई लोगों की मौत हुई है। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। यही नहीं, टीबी से पीड़ित कई मरीजों में भी एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। टीबी से होने वाली मौतें अब भी जिले में जारी हैं, जिससे विभाग की चिंता और भी बढ़ गयी है। सोमवार को जिले के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि एचआईवी रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इसके लिए चिकित्सकों की विशेष टीम बनाई गई है। गर्भवती महिलाओं में एचआईवी संक्रमण की पहचान होने पर उनके लिए विशेष देखभाल और निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों के लिए भी अलग उपचार योजना तैयार की गई है ताकि संक्रमण आगे न फैले। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सख्त निगरानी बढ़ाई जा रही है। संक्रमण रोकथाम को ध्यान में रखते हुए लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन, नगर पालिका और पंचायतों के साथ मिलकर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टैब्लो भी तैयार किया गया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में घूमकर लोगों को जानकारी दे रहा है। अंत में अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल मरीजों को उपचार देना नहीं, बल्कि आने वाले समय में एक एड्स-मुक्त समाज का निर्माण करना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सात महीनों में केवल पश्चिम मेदिनीपुर जिले में ही एचआईवी संक्रमण के सौ से अधिक मामले सामने आए हैं। घाटाल, खडग़पुर और मेदिनीपुर सदर क्षेत्रों में इस बीमारी का प्रभाव अधिक देखा जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में भी संक्रमण की दर चिंताजनक है। भले ही पिछले वर्षों की तुलना में मामलों की संख्या कुछ कम हुई है, फिर भी स्थिति को गंभीर माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच कुल 32 हजार 453 लोगों की जांच की गई। इनमें से 106 लोगों में एचआईवी संक्रमण पाया गया। अधिकांश संक्रमित मरीज वर्तमान में उपचाराधीन हैं। इसी अवधि में चार हजार 720 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें 13 महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गईं, जबकि छह महिलाएं सिफिलिस से संक्रमित मिलीं। वित्त वर्ष 2024–25 में डेबरा में 16, घाटाल में 24, खडग़पुर में 28 और मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में 73 संक्रमित मरीज मिले थे। वहीं इस वर्ष अक्टूबर तक ये संख्या घटकर डेबरा में पांच, घाटाल में 18, खडग़पुर में 15 और मेदिनीपुर में 35 रह गई है। जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सौम्यशंकर सारंगी ने बताया कि चिन्हित लगभग सभी एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को उपचार के दायरे में लाया गया है और उनका नियमित इलाज चल रहा है। उनके अनुसार, वर्षभर जागरूकता अभियान और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से संक्रमण रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस प्रयास में ‘संपूर्णा’, ‘स्पर्श’ और ‘अग्रगामी महिला एवं बाल कल्याण समिति’ जैसी कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आई हैं। ये संगठन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।





