सलोनी प्रिया ने भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों को बताया रचनात्मकता का महत्व

कोलकाता :  कोरोना महामारी के इस संकटकालीन स्थितियों में उम्मीद एनजीओ की प्रमुख सलोनी प्रिया ने एंगजाइटी और डिप्रेशन के विषय पर हुए वेबिनार में भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच और रचनात्मक कार्यों के प्रति जागरूक किया। दो घंटे तक चले वेबिनार में डिप्रेशन और एंग्जाइटी के अंतर को विस्तार से समझाते हुए दोनों के अंतर को स्पष्ट किया। रोज की भागदौड़ की जिंदगी से परेशान होना, छोटी-छोटी बातों को लेकर बहुत अधिक क्रोध करना, फ्रस्ट्रेशन,आशा छोड़ देना, आत्मविश्वास में कमी आना आदि बहुत से ऐसे लक्षण हैं जो व्यक्ति को निराश कर देते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन और याश तूफ़ान ने हमारी सभी की नियमित होनेवाली रूटीन में परिवर्तन कर दिया है जिसके कारण हम चिंता करने लगे हैं कि अब क्या होगा। यह जानते हुए भी कि हमारे हाथ में कुछ नहीं है।हम चिंता में पड़े रहते हैं। इसलिए हमें घर में रहते हुए अपनी रचनात्मक ऊर्जा को काम में लगाना चाहिए और बेकार की चिंता से दूर रहना चाहिए।
सलोनी ने अपनी विभिन्न स्लाइड्स द्वारा स्क्रीन शेयर करके ध्यान, व्यायाम, योग, अच्छा संगीत सुनने, बागवानी, किचन खाद बनाना, स्क्रब बुक बनाना, कविता कहानी लिखना, अच्छी फिल्में और अच्छी किताबें पढ़ना आदि के साथ अपनी रचनात्मक और सकारात्मक ऊर्जा के बारे में समझाया। रंगों का मन के भावों के सामंजस्य को बताया। जैसे गुलाबी रंग खुशी का प्रतीक है वहीं दूसरा उदाहरण काले कुत्ते का दिया जो हमारे जीवन में अदृश्य रूप हावी रहता है।
वेबिनार के आरंभ में कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि गत चार वर्षों से उम्मीद एनजीओ के काउंसिलर कॉलेज के साथ मिलकर लाइफ स्कील डेवलपमेंट के अंतर्गत विद्यार्थियों की काउंसिलिंग कर रही है जो संतोषजनक है। अभी तक 250 विद्यार्थियों ने इसका लाभ उठाया है। इस अवसर पर काउंसिलर पिंकी बनर्जी ने अपने अनुभवों को साझा किया और तृणा गुहा ठाकुर ने उम्मीद एनजीओ के विषय में जानकारी दी। निकिता जालान नियमित रूप से कॉलेज के विद्यार्थियों के काउनसिंलिग में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इस वेबिनार में जिज्ञासु विद्यार्थियों के बहुत से प्रश्नों का उत्तर दिया सलोनी प्रिया ने। इस कार्यक्रम का जूम तकनीकी सहयोग किया गौरव किल्ला ने और जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने।

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