लखनऊ : भाजपा के खिलाफ आज लखनऊ से सपा-बसपा ने गठबंधन कर आगामी लोकसभा चुनाव साथ लड़ने का एलान कर दिया। दोनों पार्टियां राज्य की 38-38 लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। जबकि शेष 2 सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया गया है। इस कदम से कांग्रेस नाराज है और पार्टी ने कहा कि उसे कमतर आँकना बुआ -बबुआ की भूल है। बहरहाल , कांग्रेस अब यूपी में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है
विगत दिनों आरएलडी के अजित सिंह ने भी यह घोषणा की थी कि उनकी पार्टी भी प्रदेश में बन रही महागठबंधन का हिस्सा होगी। हालांकि सीट के बटवारे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं हुई है। आरएलडी 4 लोकसभा सीटों की मांग कर रही है जबकि महागठबंधन इन्हें 3 सीट ही देना चाहता है। सूत्रों के अनुसार अजित सिंह ने बागपत या बुलंदशहर की सीट पर भी दावेदारी की मांग की है। इस गठबंधन में पीस पार्टी और निषाद पार्टी भी शामिल होंगे। जबकि यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान में राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को भी शामिल करने की कोशिशे की जा रही है। रायबरेली और अमेठी सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया गया है। जबकि कहा यह जा रहा है कि पीस पार्टी और निषाद पार्टी के लिए भी एक-एक सीट छोड़ी जाएगी। हालांकि अभी सीटों को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। ज्ञात हो कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट से भी निषाद पार्टी के उम्मीद्वार ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी। इसलिए आगामी चुनाव में भी यह सीट निषाद पार्टी को मिल सकती है। जबकि बस्ती सीट पीस पार्टी के मुखिया मोहम्मद अयूब को दी जा सकती है।