हम सब जानते हैं कि कोरोना काल के कारण देश और अर्थव्यवस्था किस स्थिति से गुजर रहे हैं। खासकर देश भर में श्रमिकों की जो स्थिति है, वह वाकई दिल दहला देने वाली है लेकिन यह बात ध्यान में रखनी होगी कि श्रमिक सबसे बड़ा संसाधन हैं और वह आधार हैं किसी उद्योग का। आज नौकरियों की समस्या विकराल है और कोरोना के लॉकडाउन ने स्थिति को और बिगाड़कर रख दिया है। इतनी समस्याओं के बावजूद यह भी सच है कि आपदा में भी अवसर होते हैं, जरूरत उसे पहचानने की है। आज जो श्रमिक घर लौटे हैं, वह कोई न कोई हुनर सीखकर लौटे हैं, वर्षों काम करने के बाद लौटे हैं इसलिए उनका अनुभव और उनकी कार्यक्षमता ही सबसे बड़ा संसाधन है जो कि इनसे जुड़े राज्यों में उद्योग को एक नयी दिशा दे सकती है और श्रम संसाधन न मिलने के कारण जो उद्यमी निराश बैठे हैं, उनके लिए भी यह एक अवसर है जो इन श्रमिकों के हुनर का लाभ उठाकर राज्य की क्षमता और संसाधनों तथा माँग के अनुसार उद्यम स्थापित करें। उद्योग के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए उद्यमी को सुविधाएँ, सरकारी संरक्षण, पूँजी, जानकारी और प्रचार की भी जरूरत है। ये अवसर है कि हम साथ आएँ।
शुभ सृजन सम्पर्क स्टार्टअप स्टोरीज
शुभजिता मानती है कि आज रोजगार सृजन की जरूरत है और यह काम उद्योग से ही सम्भव है। उद्यमी स्तम्भ हम पहले ही आऱम्भ कर चुके हैं..अब बाजार में नया…नव उद्यमी स्तम्भ भी ला रहे हैं। अलग -अलग उद्योग, सरकारी योजनाएँ, पर्यावरण अनुकूल उद्योग के अतिरिक्त बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बंगाल के साथ महिलाएँ हमारे केन्द्र में हैं और स्टार्टअप का वर्गीकरण हमने वर्गों में किया है –
स्थापित उद्यम
1. उद्यमी – तीन साल से अधिक पुराना उद्योग (महिला व पुरुष, दोनों के लिए)
स्टार्टअप
2. नव उद्यमी – अगर आपका स्टार्टअप 1 साल पुराना है…।
3. नव्या (महिलाओं के लिए) – अगर आपका स्टार्टअप 1 साल पुराना है।
शुभ सृजन सम्पर्क एक हिन्दी डायरेक्टरी है
पंजीकरण शुल्क – तीन साल से कम 100 रुपये। तीन साल से अधिक 200
महिलाओं के लिए 100 रुपये
- आपको स्टोरी के साथ एक डिजिटल सम्मान पत्र भी मिलेगा।