कहते हैं सही दिशा में संघर्ष हो तो सफलता मिलने में कोई संशय नहीं. ऐसी ही कुछ कहानी है मुंबई सेलो वर्ल्ड की. आज यह कंपनी 13 हजार करोड़ रुपये का कारोबार करती है, लेकिन एक समय इस कंपनी के मालिक प्लास्टिक की चूड़ियां बेचते थे । मेहनत रंग लाई और आज इसके प्रोडक्ट देश के घर-घर में इस्तेमाल किए जाते हैं. खाने की मेज से लेकर स्टडी टेबल तक इस कंपनी के प्रोडक्ट आपको दिख जाएंगे।
सेलो वर्ल्ड ने नवंबर, 2023 में शेयर बाजार में भी कदम रख दिया और मार्केट में लिस्ट हो गई। कंपनी के मालिक प्रदीप राठौर, जो बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उनकी गिनती अब देश के अरबपतियों में होने लगी है। मुंबई की इस कंपनी ने अब 1,700 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाने शुरू कर दिए हैं। किचन के प्रोडक्ट से लेकर फर्नीचर और पेन बनाने तक की फील्ड में कदम रख दिया है ।
प्रदीप राठौर की संपत्ति – फोर्ब्स के मुताबिक, कंपनी के चेयरमैन प्रदीप राठौर की सेलो वर्ल्ड में करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी है और आज उनकी कुल संपत्ति 1 अरब डॉलर यानी करीब 8,300 करोड़ रुपये पहुंच गई है । कंपनी की कमाई में 66 फीसदी हिस्सेदारी किचेन प्रोडक्ट से आती है, जबकि पेन, पेंसिल और स्टेशनरी व फर्नीचर सेग्मेंट से भी करीब 34 फीसदी कमाई हो जाती है।
कैसे शुरू हुई कंपनी की यात्रा – सेलो की नींव साल 1967 में घीसूलाल राठौर ने रखी थी। तब यह कंपनी सिर्फ प्लास्टिक के फुटवियर और चूड़ियां ही बेचती थी । साल 1980 में घीसूलाल अमेरिका गए और वहां से किचन प्रोडक्ट बनाने का आइडिया लेकर आए। यह आइडिया चल निकला और कंपनी का किचन प्रोडक्ट की दुनिया में नाम हो गया। इसके बाद 2017 में ग्लासवेयर और ओपल मार्केट में कदम रखा, जहां जबरदस्त सफलता मिली ।
बेटों ने बना दी हजारों करोड़ की कंपनी – सेलो वर्ल्ड को ऊंचाई तक पहुंचाने में प्रदीप राठौर, पंकज राठौर और उनके पुत्र गौरव प्रदीप राठौर का खासा योगदान है। बीते 2 साल में ही सेलो वर्ल्ड की बिक्री में 70 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। कंपनी ने मार्च, 2023 को समाप्त वित्तवर्ष में 17.97 अरब रुपये का राजस्व हासिल किया। इसके साथ ही कंपनी का मुनाफा भी 58 फीसदी बढ़कर 230 करोड़ रुपये पहुंच गया। कंपनी को बाजार में कई नामी कंपनियों से लोहा लेना पड़ रहा है। बोरोसिल, टीटीके, मिल्टन और ला ओपला जैसी दिग्गज कंपनियों के बीच सेलो के प्रोडक्ट बाजार पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं।