नयी दिल्ली : इतिहासकार और साहित्यकार शरद पगारे के उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ को केके बिड़ला फाउंडेशन के प्रतिष्ठित व्यास सम्मान (वर्ष 2020) के लिए चुना गया है। इस सम्मान के तहत चार लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाता है। 5 जुलाई, 1931 को खंडवा (मप्र) में जन्मे शरद पगारे इतिहास में एमए, पीएचडी हैं और महाविद्यालयीन प्राचार्य पद से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन में रत हैं। वे शिल्पकर्ण विश्वविद्यालय, बैंकाक में अतिथि प्राचार्य के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। कई सम्मानों से नवाज़े जा चुके पगारे के अब तक पांच उपन्यास, छह कहानी संग्रह, दो नाटक व शोध प्रबंध प्रकाशित हुए हैं।