शख्स, जिसने स्पर्श से धीरूभाई अम्बानी को भी स्वस्थ कर दिया

आध्यात्मिक स्पर्श उपचार एक अकथनीय घटना है जो किसी भी वैज्ञानिक प्रणाली और प्रक्रियाओं से आगे की बात करती है। हैरत इस बात की है कि यह उपचार कोई डॉक्टर नहीं आम इन्सान कर रहा है और बहुत से लोगों को पीड़ामुक्त कर चुका है। स्पर्श से प्रभावित भाग में गर्मी पैदा होती है। दावा है कि इसके परिणामस्वरूप मरीज को उम्र भर दर्द और कठोरता से राहत मिलती है। यह शख्स हैं मोहन जोशी, जो डॉक्टर नहीं है और न ही भगवान का कोई अवतार। जोशी का कहना है कि वर्षों पहले उनको एक आध्यात्मिक गुरु से यह पता चला था कि वास्तव में उन्हें विशेष शक्तियां प्रदान की गई थीं, जो सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, रुमेटीइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे मामलों में राहत दिला सकती थीं। शुरुआत उन्होंने एक दोस्त के कहने पर उसके उपचार से की और निःशुल्क चिकित्सा प्रदान करने लगे।
उनका कहना है कि यह चिकित्सा प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत सस्ती और सुलभ है। इस आध्यात्मिक उपचार चिकित्सा से लाभान्वित होने वााले लोगों की सूची लम्बी है। इनमें प्रमुख उद्योगपति, लेखक, अभिनेता, सीए, अधिवक्ता शामिल हैं और सूची जारी होती है। आध्यात्मिक उपचार गठिया, लूम्बेगो, वैरिकाज़ नसों की सूजन, ब्रोंकोस्पज़म, ऑस्टियोपोरोसिस, स्पॉन्डिलाइटिस, पक्षाघात, पेट में ऐंठन, जमे हुए कंधे, सिर का चक्कर, तनाव, अनिद्रा जैसी कई अन्य बीमारियो में कारगर है। भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त हो चुके जोशी स्पर्श चिकित्सा की शक्ति को एक निस्वार्थ कार्य मानते हैं। जोशी 1982 से मुम्बई में आध्यात्मिक उपचार का अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने तब से अब तक लाखों रोगियों का इलाज किया है। लगभग 40 प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं ने उनके उपचार कार्य को गति दी है। उनका कहना है कि अपनी चिकित्सा से उन्होंने धीरूभाई अम्बानी, दिवंगत नेता बलराम जाखड़ तक का इलाज किया है। अम्बानी के शरीर के दाहिने हिस्से में लकवा मार गया था, जोशी के उपचार से ठीक हुए। हालाँकि वे यह भी स्वीकार करते हैं कि यह उपचार प्रणाली राहत देती है, पूर्णतया समाधान नहीं है। कोलंबो में प्रसिद्ध विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें “डॉक्टर ऑफ साइंस” की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत के कई शहरों जैसे मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत, नवसारी, भोपाल, इंदौर, मदुरै, कोयम्बटूर, पोलाची आदि में चिकित्सा शिविरों में भी भाग लिया है। फिलहाल उनको इस काम में उनकी बेटी से मदद मिल रही है। दिल्ली के हौज खास में उन्होंने एक दिन में 125 मरीजों का उपचार किया।

अब मोहन जोशी यौगिक हीलिंग और उससे जुड़ने की चाह रखने वालों की सहायता करना चाहते हैं। अगर आप भी सीखना चाहते तो आप उनसे उनकी वेबसाइट पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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