कोरोनावायरस (Covid-19) तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। वायरस की चपेट में 195 देश आ चुके हैं और अबतक 16 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। भारत में इस महामारी को रोकने के लिए कई राज्यों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऐसे में लोग घर पर बैठे-बैठे कोरोना और अन्य मामलों से जुड़ी जानकारियों को ऑनलाइन शेयर कर रहे हैं इनमें से कुछ को सही है तो कुछ फेक। इन्हें शेयर करने का सबसे बड़ा सोर्स है वॉट्सऐप जिसपर इस समय धड़ल्लें से कोरोनावायरस से जुड़ें सन्देश शेयर किए जा रहे हैं जबकि इस समय लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में अफवाहों को वायरल होने से रोकने के लिए वॉट्सऐप भी लगातार कोशिशें कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी एक ऐसे फीचर पर काम कर रही है जिससे यूजर के पास आए मैसेज की सत्यता की पुष्टि की जा सकेगी। इससे यह पता लगाया जा सकेगा मैसेज सही है या अफवाह मात्र है। उम्मीद की जा रही है कि इससे फेक मैसेज पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी। कंपनी ने भी यह कंफर्म किया है कि इस फीचर की टेस्टिंग कर रही है।
कैसे काम करेगा ये फीचर
मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप का नया फीचर मैग्नीफाइंग ग्लास की तरह होगा। यह मैग्नीफाइंन ग्लास का आइकन यूजर के पास आए मैसेज की ठीक बगल में दिखाई देगा। ये फीचर मैसेज के कंटेंट को वेब ब्राउजर पर सर्च करेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मैग्नीफाइंग ग्लास आइकन पर क्लिक करते ही एक पॉप सामने आएगा जो यूजर से पूछेगा कि क्या आप इस मैसेज को वेब पर सर्च करना चाहते हैं। परमिशन मिलने पर यह मैजेस गूगल सर्च में पेस्ट हो जाएगा।
यह ठीक वैसा है जैसे हम किसी मैसेज को कॉपी कर वेब ब्राउजर पर पेस्ट करके सर्च करते हैं लेकिन यह फीचर इसी काम के लिए शार्टकट के तौर पर काम करेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह फीचर बीटा टेस्टर के लिए रोल आउट होना शुरू हो चुका है और जल्द ही इसे वर्जन के लिए भी जारी कर दिया जाएगा।