कोलकाता : खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज की ओर से वेब संगोष्ठी एवं काव्यपाठ का आयोजन किया गया। इस वेब संगोष्ठी ‘आकाशदीप :एक मूल्यांकन ‘विषय पर विचार रखे गये। ‘आकाशदीप :एक मूल्यांकन ‘विषय पर विचार रखते हुए श्री शिक्षायतन कॉलेज की शिक्षिका डॉ रचना पांडे ने कहानी की रचना-प्रक्रिया और प्रयोजनीयता पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहानी के अर्थ तंतुओं को कई स्तरों पर खोला । कहानी के ऐतिहासिकता के साथ उन्होंने वर्तमान को भी जोड़कर देखने की दृष्टि प्रदान की । स्वागत भाषण देते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुबीर कुमार दत्ता ने कहा कि कोरोना महामारी जैसे संकट के समय जब साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम सभागारों से वंचित हैं, तब हमारे कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम हमें आश्वस्त करता है। हिंदी विभाग के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के साथ सभी प्रतिभागियों का मैं स्वागत करता हूँ। विभागाध्यक्ष डॉ शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि हमने पाठ्यक्रम में शामिल कहानी पर परिचर्चा का आयोजन इसलिए किया ताकि विद्यार्थी लाभांवित हो सकें। ऐसे आयोजनों का एक उद्देश्य यह भी है कि विद्यार्थियों में साहित्यिक और सांस्कृतिक अभिरुचि का विकास हो । इस अवसर पर नेहा ठाकुर, सिखा सिंह, साक्षी झा, प्रीति साव और ज्योति मिश्रा ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया । प्रो अल्पना नायक ने कहा कि ऐसे आयोजन के लिए मैं हिंदी विभाग को धन्यवाद देती हूँ । प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि यह आयोजन संवाद और सृजन का साझा मंच है । इस संगोष्ठी में प्रो. अरविंद मृधा, प्रो. तापसी घोष, प्रो. पायल नंदी, प्रो.सिउली विश्वास, प्रो कलावती कुमारी, डॉ विजया सिंह, मृत्युंजय श्रीवास्तव, श्रीराम निवास द्विवेदी, एकता गुप्ता सहित काफी संख्या में विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो राहुल गौड़ और संयोजन व धन्यवाद ज्ञापन प्रो मधु सिंह ने किया ।