#lets_celebrate_mens_dayसच तो है कि पुरूषों के संघर्ष के बिना स्त्रियों की वर्तमान स्थिति संभव नहीं थी। राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर हो या परिवार में अपनी बहन बेटियों के हक के लिए लङने वाले वे प्रगतिशील पिता और भाई हो जो समाज के विरुद्ध भी गए या फिर सुल्तान इल्तुतमिश हो जिन्होंने रजिया को रजिया सुल्तान बनाया या 16 दिसम्बर की घटना के विरोध प्रदर्शन में शामिल वे तमाम पुरुष हो जिन्होंने पुलिसकर्मियों की लाठियों, आँसू गैसों को झेला । हम सभी,प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसे पुरूषों के शुक्रगुजार अवश्य हैं ।
आज पुरुष दिवस के शुभ अवसर पर हर वो पुरुष को बधाई,जो मर्यादा पुरुषोत्तम के समान हैं ।।पहले तो मेरे पापा,फिर मेरे शिक्षक,फिर मेरे खास दोस्त,दोस्त तो बहुत होते हैं पर खास कोई एक ही ।
जिन्होने हमेसा हर घड़ी सुख हो या दुख मेरे साथ रहा हो।शिक्षक बहुत सारे मिलें जीवन में पर असल जीवन जीने की कला,जीवन और समय के महत्व,हिंदी जैसे भाषा, को जागरूक करने के प्रयाश को महत्व दिया तो वो हैं हमारे प्रिय Sanjay Jaiswal सर ।।
किताबों के कविताओं को हम बस पढ़ कर याद करते थे,पर सर ने हमें कविताओं के गहराइयों तक ले जाकर दिखाया,अर्थ समझाया एक-एक कवि के जीवन की अमूल्य घटनाओ को बतलाया,जो शायद हमें आज तक किसी ने न बताया हो ।।
वो हर छात्राओं को एक समान रूप से देखते हैं,उनके पास नहीं बोलकर कुछ नही,वो हर चीज को संभव करते हैं
वे हम जैसे बच्चों को एकसाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे हैं,की किस प्रकार #हिंदी को अधिक से अधिक मान्यता दी जाय ।।
नई-नई कविताओं का सृजन करना,कहानियों को पढ़ना सर हमें बतलाते हैं,हमे अच्छे लेखक-कवि बड़े-बड़े ऊँचपद्ध्द लोगों के बीच लेकर आते हैं,और ज्ञान के साथ नयी-नयी ऊर्जा भर्ते हैं हमारे अंदर ।।
धन्यवाद 😊 #अपराजिता 💐
(तस्वीर – साभार दैनिक भास्कर)