मिदनापुर: विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा द्वारा संचालित संस्था ‘विद्यासागर हिंदी मंच’ ने वेब काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम का आरम्भ सहसचिव डॉ श्रीकांत द्विवेदी के स्वागत भाषण से हुआ। सभी कवियों और आमंत्रित अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंच रचनात्मकता का मंच है ।इस अवसर पर राज्यवर्धन, सेराज खान बातिश, राहुल शर्मा, राकेश कुमार चौबे, इबरार खान, अर्चना पांडेय, उष्मिता गौड़, रेणु सिन्हा, पंकज सिंह, सुमन कुमारी, विशाल कुमार साव, सलोनी शर्मा, पार्वती पंडित, नेहा चौबे, गुलनार बानो, अन्नू तिवारी और प्रतिमा त्रिपाठी ने काव्यपाठ किया।इस मंच के अध्यक्ष प्रो दामोदर मिश्र ने अपने संदेश में सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमें ऐसे कठिन समय में मिलजुलकर चुनौतियों का सामना करना होगा ।संस्था के महासचिव संजय जायसवाल ने कहा कि कवियों की कविताओं में जीवन का संगीत भी है और प्रतिरोध भी है।संवेदनहीनता के इस दौर में हमें रचनात्मकता को बचाना होगा ।राज्यवर्द्धन ने सत्ता केंद्रों से मानवीय होने की अपील की ।सेराज खान बातिश ने गंगा जमुनी तहज़ीब को बचाने का आग्रह करते हुए अपनी कविताओं में आदमियत को रोपने का काम किया ।कार्यक्रम में विनोद यादव और राहुल गौड़ का विशेष सहयोग रहा ।कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए मधु सिंह ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय हमें सामाजिक,सृजनशील और संवेदनशील होने की जरूरत है धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अंजू सिंह ने कहा कि इन युवा कवियों में ही सृजन का भविष्य छिपा हुआ है ।