नयी दिल्ली । वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पेटेंट दाखिल करने की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 के 42,763 से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 66,440 हो गई। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार द्वारा देश में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाए गए हैं जिसकी वजह से पेटेंट आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2014-15 में 5,978 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में 30,074 पेटेंट प्रदान किए, जो लगभग पांच गुना ज्यादा है। 2016 में पेटेंट की समीक्षा में जहां 72 महीनों का समय लगता था वह अब घटकर 5-23 महीने रह गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में पहली बार, घरेलू पेटेंट दाखिल करने की संख्या ने जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में भारतीय पेटेंट (आईपी) कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दाखिल करने के आंकड़े को पार कर लिया है।’’
उन्होंने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी) और आईपी कार्यालय को बढ़ावा देने के लिए विभाग के समन्वित प्रयासों से समाज के सभी वर्गों में जागरूकता बढ़ी है। इन प्रयासों से एक ओर आईपीआर फाइलिंग की संख्या में वृद्धि हुई है और दूसरी ओर पेटेंट आवेदनों के लंबित होने में कमी आई है।