वन मैन बैंड ग्लैडसन पीटर..जो बजाते हैं एक साथ 14 वाद्ययंत्र

ग्लैडसन पीटर को जो देखता है बस देखता ही रह जाता है। लोग उन्‍हें ‘वन मैन बैंड’ के नाम से जानते हैं। वह एक साथ 14 इंस्‍ट्रूमेंट बजाते हैं। इन वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ वह गाना भी गाते हैं। इस खूबी के कारण वह चलता-फिरता बैंड नजर आते हैं। हालांकि, मुंबई में रहने वाले ग्‍लैडसन पीटर को जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। कभी उनके फेफड़े 40 फीसदी तक बेकार हो गए थे। वह गंभीर डिप्रेशन में चले गए थे। उनके मन में आत्‍महत्‍या करने तक के ख्‍याल आने लगे थे। लेकिन, फिर उन्‍हें एहसास हुआ कि ईश्‍वर ने उन्‍हें बहुत बड़ी कला दी है। वह इसे बेकार नहीं जाने देंगे। इस मजबूत इच्‍छाशक्ति के कारण वह डिप्रेशन और फेफड़े की बीमारी से उबर गए। उन्‍होंने आज म्‍यूजीशियन के तौर पर अपनी मुकम्‍मल पहचान बना ली है।
ग्‍लैडसन पीटर कभी किसी म्‍यूजिकल ग्रुप का हिस्‍सा नहीं बने लेकिन, फैसला किया कि खुद एक बैंड बनेंगे। आज वह अपने आप को ‘वन मैन बैंड’ कहते हैं। एक साथ 14 इंस्‍ट्रूमेंट बजा और गाकर पीटर दुनियाभर में हजारों लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं।
इस संगीतज्ञ का जन्‍म तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में हुआ था। तीन साल की उम्र से संगीत से पीटर को प्‍यार था। उन्होंने इस छोटी सी उम्र में टॉय कीबोर्ड बजाना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे संगीत के लिए यह प्‍यार बढ़ता गया। वैसे तो पीटर ने संगीत की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली लेकिन, वह चर्च के कॉयर से हमेशा जुड़े रहे। इस दौरान उनकी पढ़ाई भी चलती रही।
जब पीटर की उम्र 21-22 साल की हुई तो पता चला कि उनके फेफड़ों में दो छेद हैं। इससे उनके 40 फीसदी फेफड़ों को नुकसान हो चुका है। वह एक साल से ज्‍यादा समय तक बिस्‍तर से लगे थे। एक समय आत्महत्या का ख्‍याल भी आने लगा था। लेकिन, संगीतज्ञ बनने के उनके सपने ने उन्‍हें अपनी बीमारी से लड़ने की ताकत दी। उनके मन में ‘वन मैन ब्रैंड’ प्रोजेक्‍ट चल रहा था। यह खूबी दुनिया में कुछ गिने-चुने लोगों के पाास है।
ग्‍लैडसन पीटर आज करीब 45 वाद्ययंत्र बजा लेते हैं। उन्‍होंने पिछले तीन साल में 2,000 से ज्‍यादा शो किए हैं। सिर्फ देश में ही नहीं, विदेश जाकर भी उन्‍होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह चीन और यूएई जैसे देशों में जाकर शो कर चुके हैं।

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