कोलकाता / हावड़ा । पश्चिम बंगाल में हिंदी और उर्दू रंगमंच के लिए विख्यात नाट्य संस्था लिटिल थेस्पियन ने विद्यार्थी मंच के सहयोग से 28वें रंग अड्डा का आयोजन रविवार 19 जनवरी 2025 को हावड़ा स्थित विद्यार्थी मंच के कार्यालय में किया। इस अवसर पर विद्यार्थी मंच की अध्यक्ष एवं मुक्तांचल त्रैमासिक पत्रिका की संपादक डॉ. मीरा सिन्हा और लिटिल थेस्पियन की अध्यक्ष उमा झुनझुनवाला उपस्थित थी। सर्वप्रथम उत्तरपाड़ा यूनियन गर्ल्स हाई स्कूल के हिंदी के अध्यापक प्रकाश कुमार त्रिपाठी (प्रकाश प्रियांशु) ने आलेख पाठ किया। फ्रांसीसी लेखक और नाट्यकार मोलियर के नाटक तरतूफ़ को केंद्र में रखकर उन्होंने अपना आलेख प्रस्तुत किया। उनके आलेख का शीर्षक तरतूफ़ नाटक की प्रासंगिकता; थी। हिंदी विश्वविद्यालय (हावड़ा) की प्राध्यापिका डॉ. रेखा कुमारी त्रिपाठी ने;जयशंकर प्रसाद के नाटकों की नायिकाओं के प्रेम और ईर्ष्या में आंतरिक द्वंद्व; नामक शीर्षक से अपने आलेख का पाठ किया। युवा कवयित्री एवं लेखिका प्रिया श्रीवास्तव ने मोहन राकेश के नाटकों की स्त्री पात्रों के केंद्र में रखकर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उनके आलेख का शीर्षक 'मल्लिका, सुंदरी और सावित्री : स्त्री जीवन की त्रासद नायिकाएँ ’ था। आशुतोष कुमार राउत ने विजय तेंदुलकर के नाटकों को केंद्र में रखकर अपना आलेख प्रस्तुत किया। उनके आलेख का शीर्षक था मैं खुरदुरे यथार्थ के साथ ही ठीक हूँ: विजय तेंदुलकर। इन चार आलेखों के वाचन के बाद मोहन राकेश कृत नाटक आधे अधूरे; के उत्तरार्द्ध; का अभिनयात्मक पाठ लिटिल थेस्पियन के रंगकर्मियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अभिनयात्मक पाठ में मो. आसिफ़ अंसारी, इंतेखाब वारसी, एनी दास, राधा कुमारी ठाकुर, नव्या शंकर, गुंजन अज़हर और पार्वती कुमारी शॉ ने सहभागिता की। इसके बाद आलोचना सत्र में वरिष्ठ नाटककार एवं रंगकर्मी महेश जायसवाल,विवेक लाल और डॉ. विजया सिंह (प्राध्यापिका, रानी बिरला गर्ल्स कॉलेज) ने इन सभी प्रस्तुत किए गए आलेखों का अपनी-अपनी आलोचनात्मक दृष्टि से विश्लेषण किया। महेश जैसवाल ने पश्चिम बंगाल में
हिंदी और उर्दू नाटक के प्रचार और प्रसार के लिए एस. एम. अज़हर आलम और उमा झुनझुनवाला तथा लिटिल थेस्पियन द्वारा किए गए कार्यों एवं प्रयासों की प्रशंसा की। इस पूरे आयोजन का कुशलतापूर्वक
संचालन लिटिल थेस्पियन की रंगकर्मी पार्वती कुमारी शॉ ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के कई छात्र और शिक्षक एवं नाट्यप्रेमी उपस्थित थे। जिनमें सुजाता
साहा, डॉ. अनिता कुमारी ठाकुर (मटियाबुर्ज कॉलेज), सुशील पांडेय, विनोद यादव (जवाहरलाल नेहरू विद्यापीठ बॉयज़ हाई स्कूल), प्रतिमा शुक्ला, रवि श्रीवास्तव, राव्या श्रीवास्तव, उपदेश दर्जी, सरिता खोवाला,
बलराम साव, स्वराज पांडेय, अमित कुमार साव, शिव प्रकाश चौबे आदि प्रमुख व्यक्ति थे। अंत में डॉ. मीरा सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।