कविता जंक्शन का दूसरा पड़ाव लिटिल थेस्पियन के सौजन्य से कल संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में आरा से आये अरूण शीतांश मुख्य अतिथि कवि के तौर पर आमंत्रित थे। लिटिल थेस्पियन ने उन्हें सम्मानित भी किया। गीतेश शर्मा जी ने अंगवस्त्र तथा अजहर आलम एस एम ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया l जीतेन्द्र धीर ने उनका परिचय दिया l कार्यक्रम में अरूण शीतांश जी ने कविताओं का भी पाठ किया। उनके अलावा उमा झुनझुनवाला, कुसुम जैन , जीतेंद्र धीर, आशा पांडे, आनन्द गुप्ता, प्रेम कपूर, कल्पना झा, रितेश पाण्डेय, धर्मेन्द्र राय ने भी कविताओं का पाठ किया। जीतेन्द्र धीर, विमलेश त्रिपाठी, शाहिद हुसैन, विजय शर्मा ने गजलें सुनाई। गीतेश शर्मा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि ‘हम दुविधा की राजनीति के दौर से गुजर रहे हैं और इस दौर में कविता ही हमारा अस्त्र होना चाहिए।’
कविता जंक्शन में इस बार विशेष कविता के तौर पर उपासना झा की कविता ‘उदास औरतें‘ को चुना गया था। इस कविता का पाठ ममता पांडेय ने किया। कविता जंक्शन नीलांबर की हर माह होने वाली कविता गोष्ठी है जो अलग अलग स्थानों पर विशिष्ट सहयोग के साथ आयोजित किया जाता है। प्रसिद्ध नाटक’रेंगती परछाईयाँ’ की लेखिका और लिटिल थेस्पियन की प्रमुख प्रतिनिधि उमा झुनझुनवाला ने आगामी कार्यक्रमों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया लिटिल थेस्पियन के संस्थापक और प्रख्यात निर्देशक अजहर आलम ने।