वाराणसी: स्वर साम्राज्ञी, क्वीन ऑफ़ मेलोडी पर दुनिया लता मंगेशकर को एक और वजह से भी पहचानती है, और वह वजह है भाषा और व्यहार में उनकी सादगी, सरलता, और सौम्यता। टीवी स्क्रीन पर और मंचों पर देश ने उन्हें देखा और सुना है, लेकिन एक आम आदमी के साथ उनका कैसा व्यवहार रहता है और कैसे कोई उनका मुरीद हो जाता है, यह वाराणसी के एक साधारण साड़ी व्यवसायी अरमान से बेहतर कौन बता सकता है।
लता मंगेशकर ने अरमान को दिया अपने बेटे जैसा स्नेह
व्यवहार ऐसा कि अरमान रिजवान ने लता मंगेशकर को अपनी मां का दर्जा दिया, और बदले में लता जी ने भी उन्हें हमेशा अपने बेटे जैसा स्नेह दिया। 2016 में पहली बार अरमान साड़ी दिखाने के लिए मुंबई गए थे। लता जी के विराट व्यक्तित्व होने के बावजूद उनके सरल व्यवहार से अरमान इतने प्रभावित हो गए कि उन्हें अपनी मां का दर्जा दिया।
आज तक अरमान ने ‘मां’ के दिए चेक को नहीं कराया कैश
साल में तीन से चार बार साड़ियों को लेकर अरमान लता मां के पास मुंबई जाते थे। वहां से उन्हें लता मां चेक में पेमेंट करती थीं। लेकिन अरमान ने आज तक कभी भी किसी चेक को कैश नहीं कराया, वह लता से मां से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सभी चेक को लैमिनेट कराकर सुरक्षित रखा हुआ है। और अब वह उसे एक यादगार के तौर पर संजोकर रख लिया। इन सात वर्षों में अरमान ने करीब 100 से ज्यादा साड़ियां लता मां को दी हैं।
बनारसी साड़ियों के निर्माता और व्यापारी अरमान और उनका पूरा परिवार लता जी के निधन से शोकाकुल है। भावुक होते हुए अरमान ने बताया कि 2016 में पहली बार वह लता मंगेशकर से मिले और इस मुलाकात का जरिया बने थे उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर। जब वह काशी आए थे, उसी वक्त उन्होंने फोन पर लता मां से उनकी पहली बार बात कराई थी। इसके बाद वह बनारसी साड़ियां लेकर मुंबई उनके प्रभाकुंज स्थित आवास पर गए थे। बनारसी साड़ियों की ऐसी दीवानगी की साल में तीन से चार बार लता मां अरमान से साड़ियां मंगवाती थी। इनमें से कुछ वह खुद पहनती थी और कुछ लोगों को उपहार के तौर पर दिया करती थीं।
अरमान ने एनबीटी ऑनलाइन को वह ऑडियो क्लिप्स भी सुनवाई जब कोरोना के पहली और दूसरी लहर में पूरी दुनिया परेशान थी, लता मां का व्यवहार ऐसा था कि उन्होंने अरमान को फोन करके पूरे परिवार का हाल लिया और साथ ही वो दुआ करती थीं कि जल्द से इस कोरोना से दुनिया को मुक्ति मिले। फोन पर लता मंगेशकर ने योगी सरकार के कोरोना के कार्यों को लेकर योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना भी की थी। इतना ही नहीं लता मां ने अरमान के व्यवसाय से जुड़ी दिक्कतों के बारे में भी पूछा।
लता मां के अंतिम दर्शन को जाना चाहते थे अरमान
अरमान ने बीते 20 जनवरी को काशी विश्वनाथ धाम में लता मंगेशकर के स्वास्थ्य में सुधार के लिए काशी विश्वनाथ धाम में रुद्राभिषेक भी करवाया था। अरमान भी अपनी लता मां के अंतिम दर्शन के लिए मुंबई जाना चाहते थे, उनके निजी सहायक से बात भी हुई थी तो उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बहुत कम लोगों को बुलाया गया है। इसलिए उनका आना उचित नहीं होगा। अरमान ने अपनी लता मां के लिए शाम को परिवार के साथ फातिहा पढ़ते हुए दुआ ख्वानी भी की।
(साभार – नवभारत टाइम्स)