लगातार बढ़ रहे गर्मी के प्रकोप बीच केंद्र ने जारी की ‘हेल्थ एडवाइजरी

नयी दिल्ली । देश भर के कई इलाकों में लगातार बढ़ रहे गर्मी के प्रकोप बीच सरकार ने भीषण गर्मी में खुद को सुरक्षित रखने के लिए जनता के लिए हेल्थ एडवाइजरी (स्वास्थ्य सुझाव) जारी की है।
गर्मी को मात देने के लिए, सरकार द्वारा सुझाए गए कुछ उपायों में हाइड्रेटेड रहना, घर के अंदर पर्याप्त पानी पीना, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) का उपयोग करना और उच्च पानी की मात्रा वाले मौसमी फल और सब्जियां खाना शामिल हैं।
साथ ही लोगों को हल्के रंगों के पतले, ढीले, सूती कपड़े पहनने की भी सलाह दी गयी है। एडवाइजरी में आगे कहा गया है: “अपना सिर ढकें: सीधी धूप के संपर्क में आने के दौरान छाता, टोपी, टोपी, तौलिया और अन्य पारंपरिक हेडगियर का उपयोग करें।” सरकार ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को दिन के ठंडे समय – सुबह और शाम तक सीमित रखने की भी सलाह दी है।
सरकार ने ऐसे लोगों को भी सूचीबद्ध किया है जो गर्मी या गर्मी से संबंधित बीमारी से पीड़ित होने का अधिक जोखिम रखते हैं – जिनमें शिशु, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, मानसिक बीमारी वाले लोग और बाहर काम करने वाले लोग शामिल हैं।
क्या न करें
धूप में बाहर निकलना, विशेष रूप से दोपहर 12:00 बजे से 03:00 बजे के बीच, नंगे पांव बाहर जाना, गर्मी के चरम घंटों के दौरान खाना पकाना।
सरकार की एडवाइजरी के अनुसार हीट रैश, हीट एडिमा (हाथों, पैरों और टखनों में सूजन, हीट क्रैम्प्स (मांसपेशियों में ऐंठन), हार्ट सिंकोप (बेहोशी), हीट स्ट्रोक गर्मी से संबंधित कुछ बीमारियां हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा शनिवार को जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, ‘स्वास्थ्य सुविधाओं को ठंडा करने वाले उपकरणों के निरंतर कामकाज के लिए निर्बाध बिजली की व्यवस्था करके, सौर पैनलों की स्थापना (जहां भी संभव हो), इनडोर गर्मी को कम करने के उपायों के माध्यम से, ग्रीन रूफ (एनडीएमए दिशानिर्देशों को संदर्भित किया जा सकता है), खिड़की के रंग, बाहर की छाया, आदि अत्यधिक गर्मी में लचीलापन बढ़ाने की आवश्यकता है।। पानी में आत्मनिर्भरता के लिए वर्षा जल संचयन और पुनर्चक्रण संयंत्रों का भी पता लगाया जा सकता है।
इस एडवाइजरी में लिखा गया है, ‘राज्य सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) के साथ-साथ सामुदायिक स्तर की जागरूकता सामग्री का उपयोग भी कर सकते हैं, जो कि गर्मी की लहर से खुद को बचाने के लिए आबादी द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में है। इस पत्र के साथ एनसीडीसी द्वारा तैयार ‘क्या करें और क्या न करें’ को शामिल करते हुए जन स्वास्थ्य परामर्श का एक मानक परिपत्र संलग्न किया जा रहा है। इस दस्तावेज़ को एक टेम्पलेट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलित किया जा सकता है और साथ ही व्यापक प्रसार के लिए स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जा सकता है।”
देश के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ हफ्तों से भीषण गर्मी पड़ रही है, जहां उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में उच्च तापमान क्रमशः 35.9 और 37.78 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। देश के दोनों क्षेत्रों ने 122 वर्षों में सबसे गर्म अप्रैल का अनुभव किया।

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