नट, बोल्ट, धातु की रस्सी और डैम्पर का किया गया इस्तमाल
बंगलुरू : कर्नाटक में यशवंतपुर रेलवे डिपो ने मिसाइल मैन और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की स्मृति को बड़ी खूबसूरती से जीवन्त किया गया। दरअसल यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के छह साइड के प्लेटफॉर्म पर रेलवे ट्रैक के किनारे स्थापित पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की सोने से लदी प्रतिमा सभी को लुभा रही है और रेलवे कर्मियों की के लिए प्रेरणा भी बन गयी है। यशवंतपुर कोचिंग डिपो के मेकेनिकल विभाग के इंजीनियरों ने 800 किलोग्राम स्क्रैप पर 45 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद यह प्रतिमा बनायी। इस प्रतिमा को रेलवे मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर शेयर किया गया। मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे के ट्विटर हैंडल ने इसे ट्वीट कर लिखा ‘मिसाइल मैन को एक सृजनात्मक श्रद्धांजलि’.
मालूम हो कि पटरियों के पास एक विशेष रूप से बनाए गए प्लेटफॉर्म पर, एयरोस्पेस वैज्ञानिक की 7.8 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा बनाई गयी है।
इस मूर्ति को यशवंतपुर से जाने वाली ट्रेनों के यात्री देखा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस रेलवे स्टेशन से विस्टाडोम कोच और दुरंतो और संपर्क क्रांति ट्रेनों सहित दैनिक आधार पर औसतन 200 ट्रेने गुजरती है। वरिष्ठ कोचिंग डिपो अधिकारी, विकास गुरवानी ने कहा कि “डॉ. कलाम की इस प्रतिमा को मैसूर वर्कशॉप से लाए गए नट, बोल्ट, धातु की रस्सी और डैम्पर को जोड़कर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसे बनाने वाले मेकेनिकल डिपार्टमेंट के इंजीनियरों ने सबसे पहले एक मिट्टी का मॉडल तैयार किया था और एक प्लास्टिक ऑफ पेरिस का सांचा बनाया गया था। जिसके आधार पर इन्होंने नट, वोल्ट और धातुओं को मोल्ड कर प्रतिमा का रूप दिया।’