इस बार गणतंत्र दिवस के दौरान राजपथ पर भारत का सांस्कृतिक रंग दिखेगा। इस बार परेड में कुल 23 झांकियां निकलेंगी, जिनमें 16 राज्यों की और 7 केंद्रीय मंत्रालयों की होंगी। इस साल गणतंत्र दिवस परेड पिछले साल की तुलना में 17 से 18 मिनट कम होगी। पिछले साल परेड का समय 114 मिनट था जो इस बार 96 से 97 मिनट रहेगा।
राजस्थान का ‘पैलेस ऑफ विंड‘
गुलाबी और लाल पत्थरों से बना ‘पैलेस ऑफ विंड’ यानी हवा महल को इस बार राजस्थान की ओर से रिपब्लिक डे परेड में दिखाया जाएगा। रानियों के लिए बने इस महल में कुल 953 खिड़कियां और झरोखे हैं। दुनियाभर में चर्चित हवा महल भीतर से भी बहुत खूबसूरत है। हर साल दुनियाभर के लोग इसे देखने जयपुर पहुंचते हैं। पांच मंजिला पैलेस में ज्यादा सीढ़ियां नहीं हैं। ऊपर और नीचे आने के लिए इसमें ढलान का इस्तेमाल किया गया है। इसके बीच एक बड़ा बरामदा है, जो किले की दो मंजिला इमारत से घिरा हुआ है।
गुजरात के शेर दिखेंगे राजपथ पर
गुजरात की झांकी में इस बार गिर अभ्यारण्य के शेरों को दिखाया जाएगा। इसके अलावा झांकी में गाय और चिड़ियों को भी दिखाया जाएगा। अभ्यारण्य में शेरों की संख्या बढ़कर 523 हो गई है। झांकी में इस तथ्य को भी दिखाया जाएगा।
मध्य प्रदेश की ‘व्हाइट टाइगर सफारी‘
रिपब्लिक डे की झांकी में मध्य प्रदेश की ओर से मुकुंदपुर रीवा की व्हाइट टाइगर सफारी को दिखाई जाएगी। मुकुंदपुर में 1000 हेक्टेयर वन क्षेत्र में जू एंड रेस्क्यू सेंटर तथा व्हाइट टाइगर सफारी बनाई जा रही है।
पश्चिम बंगाल की झांकी में संगीत की तान
पश्चिम बंगाल की झांकी में इस बाद बाउल संगीत सुनने को मिलेगा। गेरुआ कपड़े पहने महिलाओं और पुरुष अपने हाथों में इकतारा, दुतारा, डुग्गी, आनंद लहरी, बांसुरी और करताल लिए राजपथ पर बंगाल की तान को सुनाएंगे।
उत्तर प्रदेश की झांकी में जरदोजी कढ़ाई
उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार पुरानी और सबसे महंगी कढ़ाई में से एक जरदोजी को दिखाया जाएगा। झांकी में एक बुजुर्ग को रेशमी कपड़े पर कढ़ाई करते दिखाया गया है। प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जरदोजी को दिखाने के पीछे का मकसद परंपरागत कला के बारे में बताना है।
जम्मू कश्मीर की झांकी में ‘मेरा गांव मेरा जहां‘
जम्मू-कश्मीर एक ऐसा राज्य है, जहां हर 15 किलोमीटर के बाद संस्कृति बदल जाती है। इस बार राजपथ पर परेड में कश्मीर की संस्कृति को दिखाया जाएगा। झांकी में कश्मीर के सेब, लद्दाख की खूबानी, जम्मू की बासमती उत्पादन के अलावा ग्रामीण विकास को भी दिखाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की ‘खैरागढ़ यूनिवर्सिटी‘
रिपब्लिक डे परेड में छत्तीसगढ़ की ओर से सैरागढ़ यूनिववर्सिटी को झांकी के रूप में दिखाया जाएगा। 1956 को खैरागढ़ के राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती देवी ने अपनी बेटी इंदिरा की याद में म्यूजिक और फाइन आर्ट की यूनिवर्सिटी की शुरुआत करने अपना खानदानी पैलेस दान कर दिया था।
बिहार की ‘यंग गांधी फॉर यंग इंडिया‘
रिपब्लिक डे परेड में इस बिहार की झांकी को दो साल बाद शामिल किया गया है। गुजराती वेषभूषा वाले महात्मा गांधी पर बनी ‘यंग गांधी फॉर यंग इंडिया’ को सूचना एवं जन संपर्क विभाग की देखरेख में बनाया गया है।
बीएसएफ के ऊंट नहीं, इस बार दिखेंगे आर्मी के डॉग्स
रिपब्लिक डे फंक्शन के इतिहास में पहली बार सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता इस बार 26 जनवरी को राजपथ पर नहीं उतरेगा। वहीं करीब 26 साल बाद इस बार गणतंत्र दिवस परेड में सेना के डॉग स्कवॉयड को उतारा गया है।
इंडियन आर्मी के साथ दिखेगी फ्रांस की सेना
राजपथ पर होने वाली रिपब्लिक डे परेड में भारतीय सेना के साथ फ्रांस की आर्मी भी परेड करती नजर आएगी। रिपब्लिक डे परेड के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा की कोई विदेशी सेना परेड में हिस्सा लेगी। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद इस साल की रिपब्लिक डे परेड के चीफ गेस्ट हैं।
राजपथ पर दिखेगी तमिलनाडु की टोडा जनजाति
नीलगिरी इलाके में रहने वाले टोडा जनजाति की जीवनशैली को इस बार तमिलनाडु की झांकी में दिखाया जाएगा। प्रकृति की पूजा करने वाली इस जनजाति में महिलाओं का बड़ा सम्मान होता है। पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाली इस जनजाति की महिलाओं को पारंपरिक ड्रेस में नृत्य करते हुए दिखाया जाएगा।
उत्तराखंड की झांकी में रम्मन महोत्सव होगा खास
रामायण की कहानी पर आधारित उत्तराखंड के रम्मन महोत्सव को इस बार राजपथ पर झांकी में दिखाया जाएगा। इस त्योहार को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर भी घोषित किया जा चुका है।